अंबाला हत्याकांड: 'अंकल मुझे बचा लो', सात साल की बच्ची पर भी नहीं आया रहम, छह लोगों की हत्या पर आरोपी को नहीं कोई अफसोस
अंबाला में एक एकड़ जमीन के लिए रिटायर्ड फौजी ने परिवार के छह सदस्यों की हत्या कर दी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी रिटायर्ड सैनिक भूषण ने कहा कि उन्हें इस हत्याकांड पर कोई अफसोस नहीं है। उसने कहा कि वह छोटे भाई की पत्नी सोनिया से बहुत परेशान था। कोर्ट परिसर में हत्यारोपित भूषण ने कहा कि सभी छह हत्याएं उसने ही की हैं।
दीपक बहल/उमेश भार्गव, अंबाला। रतोर गांव के टंगोरी डेरे में दिल दहला देने वाले हत्याकांड के मुख्य आरोपित रिटायर्ड सैनिक भूषण, उसकी पत्नी पूनम, साले टोनी और जोनी को मंगलवार को पुलिस ने नारायणगढ़ कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने दो दिन का रिमांड मांगा।
अदालत ने पूनम को जेल भेज दिया, जबकि तीन अन्य आरोपितों का एक दिन का रिमांड पर मंजूर कर दिया। इससे पहले भूषण ने अदालत परिसर में कहा कि उसे मां और भाई के परिवार की हत्या करने कोई पछतावा नहीं है। वह छोटे भाई की पत्नी सोनिया से बहुत परेशान था।
सीआइए शहजादपुर और पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि वारदात के बाद भूषण ने घर से करीब एक किमी दूर गन्ने के खेतों में गंडासी छिपा दी थी। ट्रैक्टर की चाबी भी करीब 100 मीटर दूर कहीं घास-फूंस में दबाई है।
भूषण के साले टोनी और जोनी हत्या के बाद वारदात में प्रयोग कुल्हाड़ी को लेकर साहा चले गए। वहां उन्होंने साहा से करीब 500 मीटर दूर कीकरों के जंगल में छिप दी। डंडा, छोटी कुल्हाड़ी गन्ने के खेत से फेंक दी। आरोपितों को लेकर पुलिस वारदात स्थल और अन्य स्थानों पर गई।
मैंने ही की हैं सभी हत्याएं: भूषण
कोर्ट परिसर में हत्यारोपित भूषण ने कहा कि सभी छह हत्याएं उसने ही की हैं। उसकी पत्नी पूनम, साली बेबी, साले जोनी और टोनी या किसी अन्य का कोई हाथ नहीं है। इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह व हत्यारोपित भूषण के पिता ने अपने बयानों में स्पष्ट कहा है कि भूषण उसकी पत्नी, उसके दोनों बेटों, भूषण के दो सालों और साली ने मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।तड़पती रही परी, बोली- अंकल मुझे बचा लो
हत्याकांड में चिता पर लेटाई गई बेसुध 7 साल की परी का शरीर जब जला तो वह चिता से उठी और घर में अपनी पानी की होद में कूद गई व वहीं छिपी रही।करीब एक घंटे बाद जब रमेश वहां पहुंचा तो उसने परी को होद से निकाला। रमेश ने जैसे ही परी को निकाला तो परी उसकी छाती से चिपक गई और बोली अंकल मुझे बचा लो। अस्पताल के बाद पीजीआइ चंडीगढ़ तक परी रमेश के सीने से चिपकी रही। पीजीआइ में दम तो दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।