Ambala News: डिप्टी मेयर की आस कर दी पूरी, सीनियर की रही अधूरी
अपने कारनामों के लिए मशहूर अंबाला शहर नगर निगम के अधिकारियों ने एक और नया कारनामा कर दिया। एक महीने से डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के बैठने के लिए कार्यालय नहीं मिलने के विवाद ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नगर निगम के अधिकारियों ने हरियाणा जनचेतना पार्टी के डिप्टी मेयर राकेश मेहता को पूर्व ईओ वाला कार्यालय अलाट कर दिया। जब तक उनके लिए नया कार्यालय नहीं बनता ईओ के कार्यालय की जगह डिप्टी मेयर का कार्यालय रहेगा। यह कार्यालय मेयर शक्तिरानी शर्मा के कार्यालय के साथ ही लगता है। इतना ही नहीं राजेश मेहता को आधिकारिक तौर पर चपरासी भी दे दिया गया।
भाजपा की सीनियर डिप्टी मेयर मीना ढिंगरा को कार्यालय अलॉट नहीं किया गया। लेकिन उन्हें चपरासी दे दिया गया। अब इस मामले को लेकर हंगामा होना तय माना जा रहा है। बता दें कि दैनिक जागरण ने पहले ही अपने पाठकों को बताया था कि ईओ वाला कार्यालय डिप्टी या सीनियर डिप्टी मेयर को दिया जा सकता है।
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हाउस में आपस में उलझ गए थे डिप्टी मेयर और एससी
बता दें कि डिप्टी मेयर राजेश मेहता कुछ दिनों से एससी नगर निगम के कार्यालय में बैठ रहे थे। इसी मामले को लेकर नगर निगम हाउस की बैठक में सोमवार को जमकर बहस भी हुई थी। एक पल ऐसा भी आया था जब निगम के एससी ने इस मामले को लेकर राजेश मेहता को जवाब देने का प्रयास किया और मामले ने तूल भी पकड़ लिया था लेकिन राजेश ने उन्हें बोलने नहीं दिया था।
आज डीएससी ने कार्यालय अलाट कर दिया है। साथ ही पीयून भी दे दिया है। आश्वासन दिया गया है कि कार्यालय के लिए आपरेटर भी दे दिया जाएगा। जब तक नया कार्यालय बनकर तैयार नहीं होता अब यहीं पर कार्यालय रहेगा। राजेश मेहता, डिप्टी मेयर।
चपरासी मिलने की बात तो सामने आई है। लेकिन कार्यालय मुझे अभी अलाट नहीं किया गया। क्योंकि हमने अभी तक कार्यालय की डिमांड ही नहीं की थी। लेकिन यदि पीयून दिया गया है तो कार्यालय भी अलाट किया जाना चाहिए था। मीना ढिंगरा, सीनियर डिप्टी मेयर।
10 लाख रुपये में कार्यालय बनाने की कही थी बात
बता दें कि हाउस की बैठक के दौरान निगम आयुक्त ने 10 लाख रुपये में डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर का कार्यालय बनवाने की बात कही थी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की बात भी कही थी लेकिन मेयर शक्तिरानी शर्मा ने इसकी फाइल मंगवा थी। बता दें कि नगर निगम का कार्यालय बहुत पुराना है। करीब 48 करोड़ की लागत से नया कार्यालय बनाया जाना है लेकिन इसके लिए बजट नहीं है। ऐसे में यदि 10 लाख रुपये लगाकर यहां कार्यालय बनाया जाएगा तो उसे रुपये की बर्बादी माना जाएगा।