Haryana Flood: 12 जिले बाढ़ग्रस्त घोषित, 500 करोड़ का नुकसान, भरपाई के लिए 20 जुलाई से खुलेगा पोर्टल
प्रदेश में आई बाढ़ के बाद हरियाणा में काफी नुकसान हुआ है। इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए कई घोषणाएं की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश हरियाणा पंजाब राजस्थान व उत्तराखंड में औसत से अधिक बारिश हुई है। अभी तक बाढ से 6477 लोगों को राहत कैंपो में भेजा जा चुका है। वहीं मृतकों के परिवारवालों को 4 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 19 Jul 2023 08:23 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया है। इनमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद, फरीदाबाद और पलवल शामिल हैं।
दस जिलों में अब राहत है, लेकिन सिरसा और फतेहाबाद में अभी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन 12 जिलों के 1353 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। अभी तक कुल 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
35 शहरी वार्ड बाढ़ की चपेट में
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बाढ़ से हुए नुकसान और सरकार द्वारा उठाए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में अंबाला सिटी, अंबाला कैंट, बराड़ा, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और शाहबाद में जलभराव हुआ। कुल 35 शहरी वार्ड बाढ़ की चपेट में थे। सिरसा और फतेहाबाद में अभी तक स्थिति सामान्य इसलिए नहीं हो पाई है क्योंकि घग्गर का पानी धीरे-धीरे राजस्थान की ओर जा रहा है।किसानों को मिलेगा मुआवजा
इन दोनों जिलों में पानी की स्थिति पर सरकार की पूरी नजर है और सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने एलान किया कि बाढ़ से जान गंवाने वाले और अपंग हुए लोगों, घर गंवाने वाले परिवारों तथा दुधारू व दूसरे पशुओं को खाने वाले लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। उन किसानों को भी सरकार मुआवजा देगी, जिनकी फसलें बाढ़ से बर्बाद हुई हैं।
15 हजार रुपये एकड़ मुआवजा दिया जाएगा
हालांकि किसानों का मुआवजा मिलने में अभी समय लग सकता है। सरकार खेतों से जलनिकासी की कोशिश में है ताकि उनमें दोबारा से बिजाई हो सके। मुख्यमंत्री ने माना कि करीब 18 हजार एकड़ में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और अब दोबारा बिजाई की भी कम ही संभावना है। इनमें पशुओं का हरा चारा, सब्जियों के अलावा कपास, मक्का व दलहन आदि की फसलें हैं। जिन खेतों में बिजाई नहीं हो पाएगी या फिर जहां पूरी फसल बर्बाद हो गई है, वहां किसानों को 15 हजार रुपये एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।20 जुलाई से 20 अगस्त तक खुला रहेगा पोर्टल
जिन लोगों के मकान गिरे हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी डिटेल अपलोड कर सकेंगे। बृहस्पतिवार को पोर्टल खोल दिया जाएगा जो 20 अगस्त तक खुला रहेगा। इसी तरह बाढ़ के दौरान मारे गए व घायल हुए लोगों तथा पशुओं की मृत्यु की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। पोर्टल पर आवेदन करने वाले लोगों के नुकसान का सत्यापन डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी।
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