Farmers Protest: अभी नहीं हटेंगे शंभू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स, किसानों की हलचल हुई तेज; पुलिस प्रशासन अलर्ट
पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि वो शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) को सात दिनों में खाली कराएं। कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने अभी तक शंभू बॉर्डर पर लगे आठ लेयर की सुरक्षा दीवार को नहीं हटाया है। वहीं किसान संगठनों में बैठकों का दौर जारी है। किसानों ने अंबाला डीसी और एसपी ऑफिस घेराव करने का एलान किया है।
जागरण टीम, हरियाणा/पंजाब। हरियाणा-पंजाब की सीमा पर अंबाला के निकट शंभू बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। वहीं, शंभू बॉर्डर पर पिछले पांच महीने से लगे बैरिकेड अभी नहीं हटेंगे।
बॉर्डर पर लगी आठ लेयर सुरक्षा दीवार भी जस की तस रहेगी। इधर, हाई कोर्ट द्वारा 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर को सात दिन में खोले जाने के आदेश का मंगलवार को अंतिम दिन है।
बॉर्डर खाली करने का आज अंतिम दिन
किसान संगठनों ने भी सोमवार को बैठक करके 17 और 18 जुलाई को अंबाला डीसी और एसपी ऑफिस घेराव का एलान किया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को बैरिकेड हटाकर शंभू बॉर्डर पूरी तरह खोलने के आदेश दिए थे।मंगलवार को बॉर्डर खाली करने का अंतिम दिन है। ऐसे में शंभू में किसान संगठनों के आह्वान के बाद आसपास के क्षेत्रों से किसानों का यहां आना शुरू हो गया है।
अंबाला के डीसी और एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे किसान
शंभू में पांच महीने से पक्का मोर्चा लगाए बैठे किसानों में बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। सोमवार को बैठक को संबोधित करते हुए किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि किसान संगठन ने 17 और 18 जुलाई को अंबाला के डीसी और एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे।नवदीप जलवेड़ा की रिहाई की मांग करेंगे। 16 जुलाई को चंडीगढ़ किसान भवन में बैठक के बाद शंभू में प्रेस कान्फ्रेंस की जाएगी। उधर, संगरूर जिले के खनौरी में सोमवार को किसानों में कोई ज्यादा हलचल नहीं दिखाई दी। किसान खुलने के इंतजार में हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बॉर्डर पर टिकीं स्थानीय लोगों की निगाहें
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अभी चाहे हरियाणा सरकार की ओर से नेशनल हाईवे को खाली करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही लेकिन शंभू के आसपास के लोग 17 जुलाई का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं। कारण, इस दिन सरकार को नेशनल हाईवे को खाली करना है। अगर हाईवे खुला तो स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के इंतजार में सरकार
हरियाणा व पंजाब की सीमा पर अंबाला के निकट शंभू बॉर्डर खोलने के हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध हरियाणा सरकार 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। हालांकि इस याचिका पर सोमवार को भी कोई सुनवाई नहीं हुई और न तारीख दी गई। लिहाजा अभी तक नेशनल हाईवे ऑथारिटी आफ इंडिया की टीम को भी बैरिकेड हटाने के निर्देश नहीं दिए गए। पुलिस को अंदेशा है कि रास्ता खोलते ही किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर दिल्ली कूच करेंगे और पहले की तरह सरकारी संपत्ति को नुकसान व उपद्रव तक कर सकते हैं। लिहाजा पुलिस अभी आगामी आदेश का इंतजार करेगी।यह भी पढ़ें- Farmers Protest: खनौरी बॉर्डर पर 152 दिनों से डटे किसान बना रहे आगे की रणनीति, बढ़ने लगी भीड़, ट्रैक्टरों की लगी लंबी लाइनबिना अनुमति सभा-प्रदर्शन पर लगाया बैन
उधर, किसानों के 17-18 जुलाई को एसपी कार्यालय के घेराव एलान के बाद पुलिस प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया। बिना सरकार और प्रशासन की अनुमति के घेराव, सभा व जुलूस में भाग लेने वालों के पुलिस पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई करेगी साथ ही साथ धारा-144 ( नए कानून के तहत 163 बीएनएसएस) लागू की है।किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों में कुछ उपद्रवियों की गिरफ्तारियां के लिए घेराव में शामिल होने वालों के फोटोग्राफ व वीडियो से पहचान कर पकड़ा जाएगा। हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 की धारा 69 के तहत प्रदर्शन पर रोक रहेगी। यह भी पढे़ं- JJP Leader Murder Case: जजपा नेता हत्याकांड में चार की गिरफ्तारी, गुजरात में पकड़े गए साजिशकर्ता; मुख्य शूटरों की तलाश जारी