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Haryana Unemployment Rate: केंद्र सरकार ने संसद में माना, हरियाणा में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत है। इस हिसाब से हरियाणा में बेरोजगारी दर दोगुने से भी ज्यादा है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को तीन तरफ से घेर रखा है। हरियाणा ने बेरोजगारी में पंजाब हिमाचल प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड उत्तर प्रदेश झारखंड बिहार मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ गुजरात जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Thu, 20 Jul 2023 07:03 PM (IST)
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केंद्र सरकार ने संसद में माना, हरियाणा में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने संसद में माना है कि हरियाणा में पिछले आठ वर्षों में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि हरियाणा में वर्ष 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9 प्रतिशत थी जो 2021-22 में नौ प्रतिशत पर पहुंच गई है।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर को देखें तो ये 4.1 प्रतिशत है। इस हिसाब से हरियाणा में बेरोजगारी दर दोगुने से भी ज्यादा है। यह स्थिति तब है, जब प्रदेश ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को तीन तरफ से घेर रखा है। हरियाणा ने बेरोजगारी में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।

'हरियाणा बेरोजगारी के मामले सबसे ऊपर है'

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा उत्तर भारत के राज्यों में पहले स्थान पर है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी की वजह से नशा बढ़ा और नशे की वजह से अपराध बढ़ा। बेरोजगारी नशे और अपराध की जड़ है।

'एक नई फैक्ट्री नहीं लगी'

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश में हरियाणा सबसे आगे था। रोजगार के मामले में दूसरे प्रदेशों को रास्ता दिखाता था। दूर-दूर से लोग हरियाणा में रोजगार के लिए आते थे। पिछले नौ साल से प्रदेश में कोई नया निवेश, नई फैक्ट्री नहीं लगी। इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रेल कोच फैक्ट्री जैसी बड़ी और मंजूरशुदा परियोजनाएं दूसरे प्रदेशों में चली गईं।

'दो लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं'

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है तो दूसरी तरफ दो लाख सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। पक्की नौकरियों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। कौशल निगम के नाम पर कच्ची भर्ती कर युवाओं का शोषण चल रहा है। कहीं नौकरी निकल भी गई तो गठबंधन सरकार की गलत नीतियों के चलते उसमें से ज्यादातर नौकरियां हरियाणा के युवाओं को न मिलकर दूसरे प्रदेशों के लोगों को मिल रही है। ऐसे में हरियाणा का युवा पूरी तरह हताश और निराश हो रहा है।

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