हरियाणा रोडवेज में ई-टिकटिंग घोटाला, लाखों की टिकट काट जमा नहीं कराया खजाना; 10 लाख रुपयों की हेराफेरी की
Corruption in E-ticketing Haryana roadways हरियाणा रोडवेज में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू की गई ई-टिकटिंग में ही रोडवेज परिचालकों ने घोटाला कर दिया। कर्मचारियों ने 10 लाख रुपयों का घोटाला किया है। हालांकि जांच होने पर ये आकड़ा और बढ़ सकता है। इस घोटाले को रोडवेज परिचालक बुकिंग ब्रांच और ड्यूटी सेक्शन के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
उमेश भार्गव, अंबाला शहर। Corruption in E-ticketing Haryana roadways: हरियाणा रोडवेज में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू की गई ई-टिकटिंग में ही रोडवेज परिचालकों ने घोटाला कर दिया। इस घोटाले को रोडवेज परिचालक, बुकिंग ब्रांच और ड्यूटी सेक्शन के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
25 कर्मचारियों ने किया घोटाला
प्रारंभिक पड़ताल में प्रदेश के करीब 25 कर्मचारियों के नाम मुख्यालय स्तर से जारी किए गए हैं जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। हालांकि अभी करीब 10 लाख रुपये का घोटाला माना जा रहा है लेकिन इसकी उच्चस्तरीय जांच हुई तो आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता है।
तीन महीने तक चलता रहा घोटाला
करीब तीन महीनों से इस घोटाले को अंजाम दिया जाता रहा। जिसकी जिलास्तर के महाप्रबंधकों को भनक तक नहीं लगी। बड़ी बात यह है कि जब इन परिचालकों ने कैश जमा ही नहीं करवाया तो इस अवधि में कैशबुक मिलान अधिकारियों ने कैसे किया? इसी तरह बिना कैश लिए ड्यूटी सेक्शन ने इन परिचालकों की ड्यूटी क्लाज कैसे की ? इस तरह अधिकारी ही कर्मचारियों के कारनामे पर पर्दा डालते रहे।
कैसे दिया घोटाले को अंजाम?
राजस्व लीकेज रोकने के लिए 29 नवंबर 2022 को कुरुक्षेत्र से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस योजना की शुरुआत की थी। शुरुआत में प्रदेश के छह जिलों में इसे लागू किया गया था। अप्रैल तक इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया था। इसमें साधारण टिकट की बजाए मशीन से ऑनलाइन टिकट काटकर यात्री को दे दी जाती हैं।
रोटेवेशन वाइज जमा होता है कैश
टिकट में चालक- परिचालक की आइडी, बस नंबर, बस टाइप, कहां से कहां तक यात्रा, कुल दूरी और किराए जिक्र है। नियमानुसार ड्यूटी खत्म करने के बाद रोटेशन वाइज कैश जमा होता है। ऐसे परिचालक जो लंबे रूट पर चलते हैं वह दो दिन बाद कैश जमा करवाते हैं। जबकि छोटे रूट वाले परिचालक रोजाना कैश जमा करवा ड्यूटी क्लॉज करवा देते हैं।
रूट का पैसा जमा नहीं कराया पर क्लॉज करवा दी ड्यूटी
ड्यूटी क्लॉज करवाते ही मशीन का सारा रिकॉर्ड शून्य हो जाता है और नए रूट के हिसाब से मशीन फिर से ई-टिकटिंग का रिकॉर्ड बना देती है। कई बार आपात परिस्थिति का बहाना बनाकर कर्मचारी, ड्यूटी सेक्शन में फोन कर फ्लां रूट पर जा रहा हूं कहकर अपनी उस दिन की ड्यूटी क्लॉज कर दूसरे रूट पर ड्यूटी लगवा लेते हैं। ऐसा करने के लिए पहला रूट क्लॉज करना होता है। इन कर्मचारियों ने जो रूट क्लॉज करवाया उस दिन का रुपया ही जमा नहीं करवाया जबकि अगले रूट का पैसा जमा करवा दिया।
रोडवेज यूनियन नेता का भी घोटाले में नाम
अंबाला की बात करें तो इसमें रोडवेज यूनियन नेता का नाम भी शामिल है। कुल सात में से एक हरियाणा रोजगार कौशल निगम का कर्मी है। इनमें से दो कर्मी वह हैं जिनपर गत वर्ष रोडवेज महाप्रबंधक ने यात्रियों से किराया लेकर साधारण टिकट नहीं देने के आरोप में केस दर्ज करवाया था।
कर्मचारियों ने लाखों रुपयों का किया घोटाला
बस चेकिंग के दौरान यह पर्दाफाश हुआ था। एक कर्मी पर 1.60 लाख, एक पर 67 हजार और एक पर करीब 80 हजार रुपये कैश जमा नहीं करवाने के आरोप हैं जबकि शेष पर यह आंकड़ा 5 हजार रुपये से कम का है।
एक कर्मी का वेतन रोका, दो ने जमा करवाने के लिए मांगा समय
घोटाला उजागर होने के बावजूद अभी तक महाप्रबंधक ने किसी भी कर्मी पर केस दर्ज नहीं करवाया। हालांकि एक कर्मी का वेतन रोक लिया गया है क्योंकि वह कई दिनों से गैर हाजिर चल रहा है जबकि दो कर्मियों को पैसे जमा करवाने का समय दिया गया है। हालांकि नियमानुसार सरकारी रुपया तीन महीने से अपने पास रखने और सरकार को धोखा देने पर केस दर्ज करवाया जाना चाहिए थे जोकि नहीं करवाया गया।
क्या बोले परिवहन मंत्री?
यदि इस तरह का कोई भी मामला है तो निश्चित तौर पर ऐसे कर्मचारियों को बक्शा नहीं जाएगा और उनपर केस भी दर्ज करवाया जाएगा। -मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री।
छह-सात कर्मचारियों का नाम आया सामने
अंबाला में करीब 6-7 कर्मचारियों के नाम आए हैं। उनसे रिकवरी की जा रही है। यदि वह रुपये जमा नहीं करवाते तो केस भी दर्ज करवाया जाएगा। -अश्वनी डोगरा, महाप्रबंधक, अंबाला रोडवेज।
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