हरियाणा रोडवेज में ई-टिकटिंग घोटाला, लाखों की टिकट काट जमा नहीं कराया खजाना; 10 लाख रुपयों की हेराफेरी की
Corruption in E-ticketing Haryana roadways हरियाणा रोडवेज में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू की गई ई-टिकटिंग में ही रोडवेज परिचालकों ने घोटाला कर दिया। कर्मचारियों ने 10 लाख रुपयों का घोटाला किया है। हालांकि जांच होने पर ये आकड़ा और बढ़ सकता है। इस घोटाले को रोडवेज परिचालक बुकिंग ब्रांच और ड्यूटी सेक्शन के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
By Umesh BhargavaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 11:51 AM (IST)
उमेश भार्गव, अंबाला शहर। Corruption in E-ticketing Haryana roadways: हरियाणा रोडवेज में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू की गई ई-टिकटिंग में ही रोडवेज परिचालकों ने घोटाला कर दिया। इस घोटाले को रोडवेज परिचालक, बुकिंग ब्रांच और ड्यूटी सेक्शन के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
25 कर्मचारियों ने किया घोटाला
प्रारंभिक पड़ताल में प्रदेश के करीब 25 कर्मचारियों के नाम मुख्यालय स्तर से जारी किए गए हैं जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। हालांकि अभी करीब 10 लाख रुपये का घोटाला माना जा रहा है लेकिन इसकी उच्चस्तरीय जांच हुई तो आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता है।
तीन महीने तक चलता रहा घोटाला
करीब तीन महीनों से इस घोटाले को अंजाम दिया जाता रहा। जिसकी जिलास्तर के महाप्रबंधकों को भनक तक नहीं लगी। बड़ी बात यह है कि जब इन परिचालकों ने कैश जमा ही नहीं करवाया तो इस अवधि में कैशबुक मिलान अधिकारियों ने कैसे किया? इसी तरह बिना कैश लिए ड्यूटी सेक्शन ने इन परिचालकों की ड्यूटी क्लाज कैसे की ? इस तरह अधिकारी ही कर्मचारियों के कारनामे पर पर्दा डालते रहे।कैसे दिया घोटाले को अंजाम?
राजस्व लीकेज रोकने के लिए 29 नवंबर 2022 को कुरुक्षेत्र से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस योजना की शुरुआत की थी। शुरुआत में प्रदेश के छह जिलों में इसे लागू किया गया था। अप्रैल तक इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया था। इसमें साधारण टिकट की बजाए मशीन से ऑनलाइन टिकट काटकर यात्री को दे दी जाती हैं।रोटेवेशन वाइज जमा होता है कैश
टिकट में चालक- परिचालक की आइडी, बस नंबर, बस टाइप, कहां से कहां तक यात्रा, कुल दूरी और किराए जिक्र है। नियमानुसार ड्यूटी खत्म करने के बाद रोटेशन वाइज कैश जमा होता है। ऐसे परिचालक जो लंबे रूट पर चलते हैं वह दो दिन बाद कैश जमा करवाते हैं। जबकि छोटे रूट वाले परिचालक रोजाना कैश जमा करवा ड्यूटी क्लॉज करवा देते हैं।
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