Crime News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी लगवाने का झांसा देकर आठ लाख ठगे, केस हुआ दर्ज
हरियाणा के अंबाला से नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपितों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चपरासी का नौकरी लगवाने के नाम पर आठ लाख रुपये ठग लिए। आरोपितों ने बकायदा रुपये लेने का एग्रीमेंट भी बनवाया था। आरोपितों ने कहा कि अभी हाईकोर्ट में चपरासी रखने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन वह उन्हें करनाल कोर्ट में प्रोसेसर सर्वर की नौकरी लगवा देगा।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने का झांसा देकर आठ लाख रुपये ठगने के आरोप में बलदेव नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। भट्टी रोड वार्ड नंबर-5 सरहिंद जिला फतेहगढ़ साहिब पंजाब निवासी चेतन भारद्वाज व चंडीगढ़ सेक्टर- 45 डी निवासी राजदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बैकडोर से चपरासी की नौकरी लगवाने की हुई थी बात
पुलिस को दी शिकायत में बलदेव नगर सेठी एनक्लेव निवासी विजेंद्र सिंह ने बताया कि वह अस्थायी रूप से दिल्ली रोडवेज (डीटीसी) में ड्राइवर है। सेठी एनक्लेव में ही उसकी जानकार निर्मल कौर जोकि वर्तमान में खरड़ में सन्नी एनक्लेव में रहती है ने अगस्त 2023 में उसे बताया था कि उसका किरायेदार राजदीप सिंह हाईकोर्ट में किसी वकील के पास क्लर्क का काम करता है।
राजदीप का दोस्त चेतन भारद्वाज प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है, ये दोनों हाईकोर्ट में नौकरियां भी लगवाते हैं। निर्मल ने उसे बताया कि यह आपको हाईकोर्ट में बैकडोर से चपरासी की नौकरी लगवा देंगे। लिहाजा वह इन दोनों से मिला। उन्होंने चपरासी की नौकरी लगवाने की बात कही।
आरोपितों ने कहा कि यदि उनका कोई अन्य जानकार भी नौकरी लगवाना चाहता हो तो उसको भी नौकरी लगवा देंगे। प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये लगेंगे। उसने अपने रिश्तेदार मंगल सिंह के लड़के को भी हाईकोर्ट में चपरासी लगवाने के बारे में भी दोनों से बातचीत की। आरोपितों ने कहा कि पहले 4-4 लाख रुपये एडवांस लेंगे।
आरोपितों ने एग्रीमेंट भी लिखा
आरोपितों ने शिकायतकर्ता को कहा कि रुपये लेने का एग्रीमेंट भी लिखेंगे लेकिन वे एग्रीमेंट में नौकरी का हवाला न देकर बिना ब्याज पर लोन पर रुपये लेने का हवाला देंगे और एग्रीमेंट भी थर्ड पार्टी के साथ करेंगे ताकि उन पर भविष्य में कोई कार्रवाई न हो सके।19 सितंबर को शिकायतकर्ता उसकी पत्नी रेखा, उनका रिश्तेदार मंगल सिंह व उसका लड़का आकाश हाईकोर्ट चंडीगढ़ गए। वहां उन्हें राजदीप सिंह, चेतन भारद्वाज व उसकी जानकार निर्मल कौर मिले। राजदीप सिंह अपने नाम से चेतन भारद्वाज व उसकी पत्नी रेखा और चेतन भारद्वाज व मंगल सिंह के आधार पर 2 स्टांप पेपर खरीदकर लाया था।
दोनों स्टाम्प पेपरों के आधार पर ही 2 एग्रीमेंट तैयार किए गए थे। दोनों ही एग्रीमेंट में कुल 4-4 लाख रुपये बिना ब्याज लोन पर लेने के बारे में लिखा गया था। चेतन भारद्वाज ने उसे कहा कि आप इस राशि को उसके खाते में आरटीजीएस करवा देना।चेतन भारद्वाज ने उसे व उसके रिश्तेदार मंगल सिंह को सिक्योरिटी के तौर कोटेक बैंक खाता नंबर के कुल 4-4 लाख रुपये के 2 चेक दे दिए थे। इसके बाद उन्होंने रुपये आरोपितों के खाते में डाल दिए। लेकिन आरोपितों ने उन्हें नौकरी नहीं लगवाया।
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