Ambala News: रेलवे निरीक्षण करने आए अफसरों और उनके परिवारों की हुई जबदस्त खातिरदारी, DRUCC मेंबर ने उठाए गंभीर सवाल
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी जब अंबाला रेल मंडल के दौरे पर आए तो अलग ही माजरा सामने आया है। जब निरीक्षण के दौरान आए अफसरों और उनके परिजनों को प्रोटोकॉल का हिस्सा बना दिया गया। जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव प्रोटोकाल को खत्म करने की पहल कर चुके हैं लेकिन मंडल के अफसरों पर ये अभी भी हावी है।
By Deepa BehalEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 10 Nov 2023 08:48 PM (IST)
दीपक बहल, अंबाला। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे प्रोटोकाल सिस्टम को खत्म करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहल कर चुके हैं, लेकिन अंबाला मंडल में अभी भी अफसरों पर यह हावी है। निरीक्षण दौरे के दौरान अफसरों के स्वजनों को भी अब प्रोटोकाल का हिस्सा बना दिया गया है। स्वजनों को सैर सपाटा करवाने के लिए जहां अफसरों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी जाती है, वहीं रेलवे सुरक्षा बल भी सिक्योरिटी में लगा दी जाती है। हाल ही में एक ऐसा मामला उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी जब अंबाला रेल मंडल के दौरे पर आए तो सामने आया है।
चंडीगढ़ में सुखना लेक, बर्ड पार्क, रोज गार्डन और अरिजीत सिंह के शो पर स्वजनों की खातिरदारी भी की। इस दौरान आरपीएफ, कमर्शियल विभाग से स्पेशल ड्यूटियां लगाई गईं। एक ओर निरीक्षण चल रहा था, तो दूसरी ओर सैर सपाटा सरकारी खर्च पर कराया जा रहा था। यह सारा सैर सपाटा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुका है, जिसकी फुटेज भी सामने आई है।
दूसरी ओर डीआरयूसीसी के मेंबर शैलेंद्र खन्ना ने भी रेल मंत्री को भेजे गए पत्र में अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये और कहा था कि कनिष्ठ अधिकारी अपना करियर बचाने के लिए चुपचाप यह सब कर रहे हैं। पत्र में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज की भी अनदेखी का जिक्र किया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार मेले में निमंत्रण पत्र देने के लिए एक कर्मचारी को भेज दिया गया। हालांकि इस पर विज रेलमंत्री से फोन पर बात कर चुके हैं, जिसके बाद डीआरएम मंदीप सिंह भाटिया और कमांडेंट नीतीश कुमार शर्मा विज से उनके आवास पर मिलकर आए।
अरिजीत सिंह के कार्यक्रम में भी ले गए
बता दें कि जीएम दौलतपुर-मुकेरियां रेल सेक्शन का दौरा करने अंबाला आए थे। इस दौरान डीआरएम, सीनियर डीसीएम सहित तमाम अधिकारी निरीक्षण दौरे पर थे। निरीक्षण के बाद जीएम तो अपने सैलून में थे, लेकिन मंडल के एक अधिकारी मटर की सब्जी पसंद नहीं आई। इसके बाद कामर्शियल और आपरेटिंग के कर्मचारियों को चंडीगढ़ से अंबाला तलब कर लिया गया था।बाद में इन कर्मचारियों ने इस निरीक्षण दौरे में क्या ड्यूटी की है, इसको लेकर जवाब तलबी की गई। कर्मचारियों ने निरीक्षण कार्यक्रम में ड्यूटी नहीं की बल्कि अधिकारियों के स्वजनों को सैर सपाटा कराया और गायक अरिजीत सिंह के कार्यक्रम में भी ले गए। ऐसे तमाम तथ्य से अफसरों को अवगत करवा दिया। यह सब नियमों के खिलाफ था, इसलिए मामले को दबाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।
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सूत्रों के अनुसार, एक तरफ निरीक्षण दौरा था, दूसरी ओर कमर्शियल विभाग से सीएमआई, आरपीएफ से कांस्टेबल से लेकर पोस्ट प्रभारी अफसरों के स्वजनों को अलग-अलग जगहों की सैर करवाते रहे। इस दौरान दो महिला अधिकारी और आरपीएफ से एक महिला कांस्टेबल की मौखिक रूप से ड्यूटी भी लगाई गई। जब अरिजीत सिंह के शो में यह लोग गए तो उस समय आरपीएफ कांस्टेबल के अलावा अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहे। यह जांच का विषय है। सीसीटीवी फुटेज से लेकर मोबाइल लोकेशन भी इस पूरे प्रकरण से पर्दा उठा सकती है। मंडल के अधिकारियों से नाखुश होकर विज ने भी रेल मंत्री से बात की, जिसको लेकर अफसरों से जवाब तलबी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस प्रकरण की भी जांच करवाई जा सकती है, क्योंकि रेल मंत्री खुद कई मंचों से प्रोटोकाल को खत्म करने की बात कर चुके हैं।ये भी पढ़ें: Aadhar Card Update: फ्री आधार कार्ड अपडेशन की फिर बढ़ी तारीख, इन आसान स्टेप्स से करें अपडेटइस तरह मंच से बोले थे रेलमंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम के दौरान नसीहत दी थी कि अफसरों के इंस्पेक्शन में चापलूसी और खातिरदारी से बाहर निकलना होगा और काम करके दिखाना होगा। महाप्रबंधक और मेंबर का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी खातिरदारी में अधीनस्थ अधिकारी जुट जाते हैं और उनके लिए कारपेट तक बिछा दिया जाता है।कोलोनियन माइंडसेट से निकलना होगा, जहां पर भी जीएम साहब या मेंबर साहब की गाड़ी रुकती है, वहां पर एक कर्मचारी आता है। वहां हैंडल को क्लीन करता है और फुटमेट लगाता है। यह सब भूल जाना और बंद करना होगा। अब प्रोफेशनलिज्म लाना होगा। हमारा फोकस सिर्फ काम पर व्यवहार पर होना चाहिए।सीनियर डीसीएम ने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है
सीनियर डीसीएम नवीन कुमार झा ने कहा कि कमर्शियल अधिकारी निरीक्षण दौरे पर थे। उन्होंने कहा कि रात साढ़े आठ बजे तक निरीक्षण चलता रहा, कोई अधिकारी नहीं किया। मेरी जानकारी में नहीं है। जहां तक मुझे याद है कोई ऑफिसर नहीं गया। सुपरवाइजर भी हमारे साथ थे, सीएमआई भी हमारे साथ थे।हमारी गाड़ी नहीं गई: कमांडेंट
आरपीएफ कमांडेंट नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी कोई गाड़ी नहीं गई थी। कोई ऑफ ड्यूटी गया हो तो मेरी जानकारी में नहीं है। मेरे सामने ऐसा कुछ नहीं आया। एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई महिला कांस्टेबल साथ थी, मेरी जानकारी में नहीं है। ये भी पढ़ें: Dengue In Ambala: जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी मुश्किलें, बेड और सुविधाएं बनी चुनौती