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Farmers Protest: क्या MSP गारंटी कानून इतना आसान! राजनीति की भेंट चढ़ता किसान आंदोलन; संगठनों की ये चार मुख्य मांगें

एसएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी कई मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों की कई मांगे हैं। उनमें सबसे बड़ी मांग MSP की गारंटी है। अब इस आंदोलन को राजनैतिक दलों से समर्थन भी मिल रहा है। राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खरगे ने समर्थन किया है।

By Monu Kumar JhaEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 13 Feb 2024 06:37 PM (IST)
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Farmers Protest: MSP गारंटी कानून संभव, राजनीति की भेंट चढ़ता किसान आंदोलन
डिजिटल डेस्क, अंबाला। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन की पूरी तैयारी कर ली है। किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर नजर आ रहे हैं।

16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने का आह्वान

साल 2020 में अपने एक साल के लंबे आंदोलन के कारण नरेंद्र मोदी सरकार से कृषि कानूनों को रद करवाने में किसान संगठनों ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी। अब साल 2024 में एक बार फिर अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने का आह्वान भी किया है।

कहा जा सकता है कि राजनीति से प्ररित ये आंदोलन है। क्योंकि कुछ समय बाद ही देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। किसानों के पास सरकार पर दवाब बनाने का ये एक अच्छा मौका हो सकता है। किसान इस आंदोलन के जरिए करो या मरो की स्थिति में नजर आ रहे हैं। अब इस आंदोलन को कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन मिल गया है।

मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी जैसे बड़े नेता दे रहे बयान

मल्लिकार्जुन खरगे(Mallikarjun Kharge), राहुल गांधी जैसे बड़े नेता खुल कर बयान दे रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि हम सरकार से मांग करते हैं कि दो साल पहले किसानों का आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए सरकार ने जो हमसे वादे किए थे उसे पूरा करे।

राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए कहा कि किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है।यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।

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किसानों के आंदोलन करने की ये है मुख्य वजह

भारत सरकार MSP की उन्हें गारंटी दे।

लखीमपुर खीरी मामले के सभी दोषियों को कानूनी सजा मिले। इसके अलावा पीड़ितों को न्याय मिले।

2020 में किसान आंदोलन के दौरान जितने भी मुकदमे हुए थे वो सभी रद हों।

किसी भी किसानों पर प्रदूषण कानून लागू न हो।

क्या थी स्वामीनाथन की MSP गारंटी रिपोर्ट?

बता दें साल 2004 का समय था और कांग्रेस की यूपीए सरकार सत्ता में काबिज थी। उस समय किसानों की सही स्थिति जानने के लिए एक आयोग का गठन हुआ था। जिसका नाम था नैशनल कमीशन ऑन फार्मर्स रखा गया। इस आयोग के कर्ता -धर्ता एम एस स्वामीनाथन को बनाया गया।

आयोग ने करीब दो सालों में सरकार को पांच रिपोर्ट सौंपी थी जिसे स्वामीनाथन रिपोर्ट भी कहा जाता है। स्वामीनाथन आयोग की इसी रिपोर्ट में ये कहा गया था कि किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया जाए। जिसकी मांग किसान वर्षों से कर रहे हैं।

राजनैतिक रंग लेता जा रहा है आंदोलन?

अगर मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एमएसपी गारंटी कानून ले आती है तो कम से कम हर साल 10 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार सरकार के कंधों पर आएगा। सरकार ने अभी हाल ही लोकसभा चुनाव(Loksabha Election 2024) से पहले अपना अंतरिम बजट पेश किया। जिसमें लगभग करीब 11.12 लाख करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के लिए अलग रखा है।

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