Haryana News: किसान आंदोलन से रोडवेज को लग रहा तगड़ा फटका, गृह मंत्री विज बोले- किसी को कानून हाथ में नहीं लेने देंगे
किसान आंदोलन के चलते दूसरे दिन भी अंबाला से पंजाब सीधा मार्ग बंद रहा। एनएच-44 बंद रहने के कारण अंबाला डिपो से कुछ बस ही पंजाब की ओर रवाना हुई। इसी कारण राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पंजाब से अंबाला और अंबाला से पंजाब मार्ग बंद होने के कारण लोगों के लिए अब रेलमार्ग ही एकमात्र विकल्प है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। किसान आंदोलन-2 के चलते दूसरे दिन भी अंबाला से पंजाब सीधा मार्ग बंद रहा। एनएच-44 बंद रहने के कारण अंबाला डिपो से कुछ बस ही पंजाब की ओर रवाना हुई। इसी कारण राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पंजाब की ओर से भी कोई बस अंबाला में प्रवेश नहीं कर पाई। रोजाना की बात करें तो अंबाला से पंजाब के कुल 48 टाइम हैं।
शनिवार को अंबाला डिपो की एक भी बस पंजाब नहीं गई थी जबकि रविवार को कुछ बसों को ईधर-उधर से पंजाब भेजा गया लेकिन इनकी संख्या कम ही रही। जो बसें पंजाब नहीं जा सकी उन्हें दूसरे मार्गों पर चलाया गया। हालांकि इधर-उधर से घूमकर गंतव्य पर पहुंचने के कारण रोडवेज की बसों का समय और ईंधन दोनों ज्यादा जाया हुआ।
लिहाजा शनिवार और रविवार दोनों दिन रोडवेज की आय घट गई। बता दें कि भीषण सर्दियों में भी अंबाला डिपो की बसों की रोजाना करीब साढ़े 12 लाख टिकटों की सेल हो रही थी। आमतौर पर सामान्य दिनों में यह 14 लाख तक चली जाती है।
ट्रेन बनी सहारा, बिना टिकट करना पड़ा सफर
पंजाब से अंबाला और अंबाला से पंजाब मार्ग बंद होने के कारण लोगों के लिए अब रेलमार्ग ही एकमात्र विकल्प है। इसी कारण रविवार को बहुत से लोगों ने रेल को विकल्प के तौर पर चुना। कई यात्रियों ने तो ट्रेन छूटने के डर से बिना टिकट ही सफर करना सही समझा।
शाहाबाद से अंबाला मार्ग को लेकर सबसे ज्यादा रही असमंजस की स्थिति
शाहाबाद से अंबाला नेशनल हाईवे खुला है या बंद इस बात को लेकर दिनभर सबसे ज्यादा परेशानी वाहन चालकों ने झेली। कुछ वाहन चालक शाहाबाद से वाया साहा होकर अंबाला कैंट पहुंचे जबकि कुछ ने सीधे मार्ग पर चलना ही सही समझा। इस तरह से जो वाहन चालक शाहाबाद से वाया साहा होकर अंबाला आए उन्हें करीब 20 किलोमीटर अतिरिक्त मार्ग तय करना पड़ा। जबकि अंबाला से शाहाबाद तक नेशनल हाईवे दिनभर खुला रहा। हालांकि कई जगह पुलिस के नाके होने के कारण जाम की स्थिति जरूर पैदा हुई।हरियाणा को सुरक्षित रखने के लिए किसी को कानून हाथ में नहीं लेने देंगे : विज
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने किसान संगठनों के दिल्ली कूच पर कहा कि हमने हरियाणा को हर हाल में सुरक्षित करना है, वह (किसान संगठन) कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेंगे तो इसकी इजाजत बिलकुल भी नहीं दी जाएगी। विज पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।उन्होंने इनेलो विधायक अभय चौटाला के एमएसपी गारंटी के बयान पर कहा कि सरकार किसानों के हक में काम करना चाहती है। प्रधानमंत्री सहायता राशि तीन किश्तें (दो लाख रुपये) की किसानों को दी जा चुकी हैं और अब भी केंद्र के मंत्री पंजाब में जाकर किसानों से बात कर रहे हैं। विज ने कहा कि सरकार उनसे (किसान संगठन) बात करना चाहती है क्योंकि बातचीत से ही हल होगा।
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