Move to Jagran APP

हरियाणा के कद्दावर नेता निर्मल सिंह और उनकी बेटी ने छोड़ी आम आदमी पार्टी, 5 जनवरी को कांग्रेस में हो सकते शामिल

हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी है। इसकी पुष्टि के साथ ही ये बताया जा रहा है कि 5 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ज्वाइन करवाएंगे। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह एक समय उत्तर हरियाणा में बड़ा नाम थे। फिलहाल इनको भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक माना जाता है।

By Jagran News Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 28 Dec 2023 06:06 PM (IST)
Hero Image
हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी ने छोड़ी आम आदमी पार्टी।
डिजिटल डेस्क, अम्बाला। हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी है। वहीं, उनके पार्टी को छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे, जिसको लेकर अब बताया जा रहा है कि 5 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ज्वाइन करेंगे।

वहीं, पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी कांग्रेस में शामिल होते हैं तो गृह मंत्री अनिल विज की अम्बाला कैंट और असीम गोयल की अम्बाला शहर सीट पर दावा ठोकेंगे। बता दें कि निर्मल सिंह एक समय उत्तर हरियाणा में बड़ा नाम होता था। फिलहाल इनको भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक माना जाता है। 5 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ज्वाइन करवाएंगे।

ये भी पढ़ें: Rohtak Crime: दोस्तों के बीच शराब पार्टी के दौरान हुआ खूनी खेल, नशे की हालत में युवक के साथ कर दिया ये कांड

हरियाणा में कद्दावर नेता रहे निर्मल सिंह

पूर्व मंत्री निर्मल सिंह साल 1982, 1991, 1996 और 2005 में नागल विधानसभा से विधायक चुने गए और कई बार मंत्री भी रहे। कांग्रेस से उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरूआत की। साल 1976 से 1978 तक वे ब्लाक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 1978 से 1980 तक वे युवा कांग्रेस अंबाला के जिला प्रधान रहे। साल 1980 में वे युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने। 1982 से लेकर 1989 तक रिकार्ड सात वर्षों तक निर्मल सिंह युवा कांग्रेस हरियाणा के प्रधान भी रहे। 1987 से 1989 तक वे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे जबकि 2000 से लेकर 2005 तक वे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। महज 33 साल की उम्र में साल 1986 में निर्मल सिंह कैबीनेट मंत्री रहे।

निर्मल सिंह को साल 1994 में हत्या के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा। वे करीब अढ़ाई साल तक जेल में रहे। जेल से ही उन्होंने 1996 में आजाद उम्मीदवार के रूप में नागल विधानसभा से चुनाव लड़ा। निर्मल सिंह के पक्ष में एकतरफा माहौल था। वे विधायक निर्वाचित हुए और अन्य सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गईं। 1999 में निर्मल सिंह ने फिर से कांग्रेस में वापसी की। 2005 में निर्मल सिंह फिर वे विधायक चुने गए। 2005 के चुनाव के बाद हुए परिसीमन के बाद निर्मल सिंह का हलका बदल गया। उन्होंने 2009 का चुनाव अंबाला कैंट से लड़ा। 2018 में उन्होंने अपनी सियासी विरासत अपनी बेटी चित्रा सरवारा को दे दी।

कौन हैं चित्रा सरवारा?

चित्रा सरवारा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव रही हैं। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सोशल मीडिया इंचार्ज रह चुकी हैं। साल 2013 में सियासत में कदम रखा। 2013 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा। नगर निगम का चुनाव जीता। 18 मार्च 1975 को अंबाला कैंट में जन्मी चित्रा सरवारा एक राजनीतिज्ञ के अलावा एक प्रोफेशनल डिजाइनर, समाजसेविका हैं। 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में डिजाइन मैनेजर के रूप में उनके कौशल और काम को काफी सराहा गया। 2016 में उन्हें हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया। 2017 में उन्हें ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का सोशल मीडिया इंचार्ज भी बनाया गया। चित्रा ने 2019 का चुनाव आजाद उम्मीदवार के रूप में अम्बाला कैंट से लड़ा और करीब 46 हजार वोट लिए।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।