Haryana: बढ़ते नशे पर अभय चौटाला ने सरकार को घेरा, बोले- मंत्रियों की गाड़ियाें में घूमते हैं तस्कर
अभय सिंह ने कहा कि प्रदेश के लोग मुझसे उम्मीद रखते हैं कि मैं विधानसभा में उनके लिए बोलूं। लेकिन विधानसभा में भी मुझे लोगों की आवाज उठाने नहीं दी जाती। भाजपा-जजपा डरी हुई हैं कि अगर मैं विधानसभा में बोलूंगा तो इनकी पोल खुल जाएगी। सरकार किसानों को बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं दे रही। 80 प्रतिशत गांवों में पीने का पानी नहीं है।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 27 Aug 2023 05:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा में नशे के खिलाफ इनेलो हमलावर हो गई है। पार्टी के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने आराेप लगाया कि कई तस्कर तो मंत्रियों की गाड़ियाें में घूमते हैं। साथ ही कहा कि सत्ता परिवर्तन तक इनेलो की परिवर्तन यात्रा जारी रहेगी।
इनेलो मुख्यालय में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में चौटाला ने कहा कि नशे के साथ अब युवा सट्टे में भी पड़ गए हैं। हैरानी की बात है कि बिग बास में जीत कर आए एल्विश यादव के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए, जबकि वह जिस टाइगर कंपनी के लिए काम करता है, वह सट्टे का काम करती है।
बोलूंगा तो इनकी पोल खुल जाएगी
उस कार्यक्रम में टाइगर कंपनी के बैनर भी लगे थे। अगर सीएम ऐसे कार्यक्रमों में जाएंगे तो युवा बर्बाद हो जाएगा। अभय सिंह ने कहा कि प्रदेश के लोग मुझसे उम्मीद रखते हैं कि मैं विधानसभा में उनके लिए बोलूं। लेकिन विधानसभा में भी मुझे लोगों की आवाज उठाने नहीं दी जाती। भाजपा-जजपा डरी हुई हैं कि अगर मैं विधानसभा में बोलूंगा तो इनकी पोल खुल जाएगी।संपत सिंह को हराकर देवीलाल की आंधी रोकने वाले पूर्व विधायक रण सिंह बेनीवाल का निधन, पंचकूला में ली अंतिम सांस
सरकार किसानों को बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं दे रही। 80 प्रतिशत गांवों में पीने का पानी नहीं है। 80 प्रतिशत स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। अस्पतालों की हालात बेहद खराब है। इनेलो नेता ने कहा राज्यमंत्री संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
सरकार किसानों को बर्बाद फसल का मुआवजा नहीं दे रही। 80 प्रतिशत गांवों में पीने का पानी नहीं है। 80 प्रतिशत स्कूलों में अध्यापक नहीं हैं। अस्पतालों की हालात बेहद खराब है। इनेलो नेता ने कहा राज्यमंत्री संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
मुख्यमंत्री तो इस्तीफा लेंगे नहीं लेकिन संदीप सिंह के अंदर नैतिकता है तो मंत्री पद से स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। यह दुर्भाग्य है कि महिला कोच पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यहां तक कि उसे कोच के पद से सस्पेंड कर दिया गया और जिस घर में वो रह रही थी, उसे वहां से भी निकलवा दिया गया।
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