हरियाणा कांग्रेस बैठक: बाबरिया ने टटोला नेताओं का मन, ज्यादातर बोले- गुटबाजी रही तो 2024 में फिर मिलेगी हार
हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी का मुद्दा उठा है। हरियाण कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी दीपक बाबरिया ने दो दिन कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक की और हर किसी का मन टटोला। इस बैठक में ज्यादातर नेताओं ने गुटबाजी को बड़ा मुद्दा बताया। कई नेताओं ने यह भी कहा कि अगर गुटबाजी रही तो 2019 की तरह 2024 में हरियाणा की सत्ता कांग्रेस के हाथों से फिसल जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 25 Jun 2023 07:12 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की गुटबाजी बहुत करीब से देखने के बाद पार्टी के नए प्रभारी दीपक बाबरिया ने रविवार को पार्टी विधायकों, पूर्व विधायकों और विभिन्न जिलों के प्रमुख कांग्रेस नेताओं का मन टटोला। करीब चार घंटे तक दीपक बाबरिया विधायकों, पूर्व विधायकों व प्रमुख नेताओं से अलग-अलग मिले। अधिकतर कांग्रेस विधायकों व पार्टी नेताओं ने प्रभारी को हरियाणा में अपने-अपने नेताओं-आकाओं को फ्रीहेंड देने का सुझाव दिया।
कई नेताओं ने यह भी कहा कि यदि राज्य में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी इसी तरह से जारी रही तो 2019 की तरह 2024 में हरियाणा की सत्ता कांग्रेस के हाथों से फिसल जाएगी। उन्होंने कांग्रेस का संगठन जल्दी तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया है। कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया दो दिन के हरियाणा प्रवास पर चंडीगढ़ आए हुए थे। शनिवार को पहले दिन उनके सामने कांग्रेस दिग्गजों कुमारी सैलजा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन किया। अपने-अपने नेताओं के हक में मुख्यमंत्री के नारे लगाए गए।
हुड्डा ने संभाला मोर्चा
कुमारी सैलजा के बोलने के वक्त जब हुड्डा समर्थकों ने नारेबाजी की तो हुड्डा ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए सैलजा जिंदाबाद के नारे लगवाए। सुरजेवाला ने यहां तक कह दिया कि किसी एक नेता के प्रयास से कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकती, जबकि किरण चौधरी ने इशारा किया कि कांग्रेस को एक व्यक्ति की बपौती नहीं बनाकर रखा जा सकता। इन सबका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ था।हुड्डा ने पार्टी को जोड़ने और मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही। पार्टी प्रभारी की बैठक के बाद शनिवार रात 12 बजे तक कई विधायक व पूर्व विधायक उनसे पार्टी कार्यालय में ही मिले, जिस कारण वह रविवार को देरी से पार्टी कार्यालय पहुंचे। कांग्रेस नेता उनका इंतजार करते रहे। निर्धारित समय से करीब दो घंटे देरी से पार्टी कार्यालय में आए दीपक बाबरिया पहले विधायकों और पूर्व विधायकों से मिले। फिर जिलावार पार्टी नेताओं से मुलाकात की।
अंबाला संसदीय क्षेत्र के पार्टी नेताओं की मुलाकात उनके अगले दौरे के समय होगी। विधायक प्रदीप चौधरी, वरुण मुलाना, शैली चौधरी और मेवा सिंह समेत कई विधायकों ने पार्टी की गुटबाजी दूर कर मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष रामकिशन गुर्जर, पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई, पूर्व विधायक मेजर नृपेंद्र सिंह, लहरी सिंह, परमिंद्र सिंह ढुल, महिला कांग्रेस की प्रधान सुधा भारद्वाज, राजकुमार वाल्मीकि, जसबीर सिंह मलौर व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर सहित कई नेताओं ने प्रभारी से मुलाकात करते हुए संगठन का गठन नहीं हो पाने का मुद्दा उठाया।
निजी मुलाकात के दौरान हुड्डा खेमे के नेताओं ने जहां दो-टूक कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुड्डा के नेतृत्व में ही बन सकती है, वहीं एंटी हुड्डा खेमे के नेताओं ने आरोप लगाए कि कांग्रेस पर कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ है। सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
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