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Haryana News: 'सीईटी के जंजाल ने की युवाओं की जिंदगी बदहाल, नौकरी के नाम पर हो रहा मजाक'- रणदीप सुरजेवाला

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि नौकरी के नाम पर हो रहे मजाक ने युवाओं की रोजगार पाने की हर उम्मीद को धराशायी कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और आयोग युवाओं की जिंदगी को अंधकार में धकेल रहे हैं। चार साल से हरियाणा के युवा सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपये खर्च कर सीईटी के जंजाल में धक्के खा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 05 Aug 2023 11:26 PM (IST)
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'सीईटी के जंजाल ने की युवाओं की जिंदगी बदहाल, नौकरी के नाम पर हो रहा मजाक'- रणदीप सुरजेवाला

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। तृतीय श्रेणी पदों पर भर्ती के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सीईटी के जंजाल ने युवाओं की जिंदगी बदहाल कर दी है। आखिर किस साजिश के तहत युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि नौकरी के नाम पर हो रहे मजाक ने युवाओं की रोजगार पाने की हर उम्मीद को धराशायी कर दिया है। पिछले साल पांच मई को प्रदेश सरकार ने ग्रुप सी और ग्रुप डी के सभी पदों को सीईटी से भरने का आदेश जारी किया था। परीक्षा के बाद अचानक शर्त लगा दी गई कि कुल पदों के अनुपात में केवल चार गुना अभ्यर्थी ही बुलाए जाएंगे। यानि दो साल धक्के खाकर सीईटी पास करने का कोई लाभ ही नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि एक फरवरी को एचएसएससी ने नोटिस निकलकर सामाजिक-आर्थिक आधार के के नंबर छोड़ने या जुड़वाने का पहला मौका दिया। सात मार्च को ग्रुप सी की पोस्ट विज्ञापित कर एक जुलाई को लिखित परीक्षा की तारीख निश्चित कर दी। 10 मार्च को फिर पब्लिक नोटिस निकालकर सीईटी के रिजल्ट में सोशो-इकोनामिक कैटेगरी के नंबर छोड़ने या जुड़वाने के लिए अभ्यर्थियों को कहा। इसके बाद सीईटी लिस्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई। इस पीटिशन के दायर होने के बाद आयोग ने एक जुलाई की परीक्षा स्थगित कर दी।

'25 जुलाई को जारी किया रिवाइज्ड रिजल्ट, लेकिन...'

सुरजेवाला ने कहा कि 28 जून को आयोग ने तीसरा पब्लिक नोटिस जारी कर सोशो-इकोनामिक कैटेगरी के नंबर सीईटी रिजल्ट में दुरुस्त करवाने के लिए अभ्यर्थियों को कहा। 24 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई पर आयोग के वकील ने कहा कि दो से तीन सप्ताह में सोशो-इकोनामिक कैटेगरी के नंबर दुरुस्त कर नया रिजल्ट निकाला जाएगा। अगले दिन ही 25 जुलाई को रिवाइज्ड रिजल्ट जारी कर दिया गया, परंतु सारी त्रुटियां ज्यों की त्यों बनी रहीं। इसके बावजूद पांच और छह अगस्त को सीईटी के नंबरों के आधार पर स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित करने का निर्णय ले लिया गया।

'एडमिड कार्ड में सबकुछ उल्टा-पुल्टा मिला'

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा कि इसके बाद युवाओं ने एक बार फिर हाई कोर्ट में इस रिवाइज्ड रिजल्ट को चुनौती दे दी। तीन अगस्त को जब अभ्यर्थियों ने वेबसाइट से एडमिट कार्ड निकाले तो सबकुछ उल्टा-पुल्टा हुआ मिला। किसी के रोल नंबर पर किसी और का एडमिट कार्ड निकल रहा था। या फिर एडमिट कार्ड निकलता ही नहीं था। या फिर एडमिट कार्ड पर उम्मीदवार की फोटो ही नहीं आ रही थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और आयोग युवाओं की जिंदगी को अंधकार में धकेल रहे हैं। चार साल से हरियाणा के युवा सैकड़ों-हजारों करोड़ रुपये खर्च कर सीईटी के जंजाल में धक्के खा रहे हैं।