Haryana: स्टेशनों पर दुकान लगाने वालों पर रेलवे ने कसा शिकंजा, अब धड़ल्ले से नहीं कर सकेंगे बिजली की खपत; लगाए जाएंगी मीटर
Haryana अंबाला छावनी चंडीगढ़ सहारनपुर पटियाला शिमला कालका बठिंडा आदि प्रमुख स्टेशनों पर प्री मीटर लगेंगे। अभी इन स्टॉल पर साधारण मीटर से बिजली सप्लाई होती है। रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत अंबाला स्टेशन से ये मीटर लगाने की शुरुआत करने की योजना बनाई। प्रीपेड मीटर लगने के बाद स्टाल की अवधि पूरी हेाने के बाद बिल जमा न कराने को लेकर होने वाले विवाद अब नहीं हो सकेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sun, 19 Nov 2023 05:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अंबाला। अब रेलवे स्टेशनों पर कम ओवरलोड पर अधिक बिजली का इस्तेमाल करने वाले स्टाल संचालकों पर शिकंजा कसने जा रहा है। अब यह खेल बंद हो जाएगा क्योंकि अंबाला रेल मंडल प्रीपेड बिजली मीटर लगाने जा रहा है।
इलेक्ट्रिक विभाग लगाएगा मीटर
कमर्शियल और इलेक्ट्रिकल विभाग ने इस नई योजना के तहत मीटर लगाने की औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर दी जाएंगी। इन मीटरों से तब तक बिजली जलेगी, जब तक इनमें रिचार्ज किया हुआ बैलेंस होगा। बैलेंस खत्म होते ही बिजली की सप्लाई अपने आप ही बंद हो जाएगी। दरअसल, ये मीटर एक तरह से मोबाइल की तर्ज पर ऑपरेट होंगे। इन्हें समय-समय पर संभावित बिजली खपत के आधार पर रिचार्ज करना होगा।
इन स्टेशनों को रखा गया है प्रमुख कैटगिरी में
अंबाला छावनी, चंडीगढ़, सहारनपुर, पटियाला, शिमला, कालका, बठिंडा आदि प्रमुख स्टेशनों पर प्री मीटर लगेंगे। अभी इन स्टॉल पर साधारण मीटर से बिजली सप्लाई होती है। रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत अंबाला स्टेशन से ये मीटर लगाने की शुरुआत करने की योजना बनाई है।प्रीपेड मीटर लगने के बाद स्टाल की अवधि पूरी हेाने के बाद बिल जमा न कराने को लेकर होने वाले विवाद अब नहीं हो सकेंगे।स्टालों के बाद क्वार्टरों पर भी लगाए जा सकते हैंप्रीपेड मीटर के लगने के बाद इसका प्रतिफल बेहतर हुआ तो आने वाले दिनों में रेल मंडल के तमाम हजारों क्वार्टरों में भी प्रीपेड लगाने की तैयारी है। मीटर रिचार्ज मोबाइल और पोर्टल के साथ साथ मैनुअल तरीके से भी किया जा सकेगा। स्टॉल संचालक रेलवे के काउंटर पर जाकर महीने की संभावित खपत यूनिट में बताएंगे। उसके आधार पर उन्हें कांउटर से रसीद दी जाएगी। इसके आधार पर रेलवे इलेक्ट्रिकल विभाग से एक कोड जारी होगा। इस कोड को मीटर में अपडेट करते ही बिजली की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
बिजली मीटर लगने के बाद बिल जमा न होने का झंझट खत्म हो जाएगा।
बिजली बिल लेने को लेकर भी आने वाली दिक्कतें होंगी दूरप्रीपेड बिजली मीटर लगने के बाद बिल जमा न होने का झंझट खत्म हो जाएगा। दरअसल, स्टाल की अवधि पूरी होने या फिर किसी कारणवश बंद होने के बाद संचालक बिजली का बकाया बिल देने में आनाकानी करते हैं। बाद में रेलवे को औपचारिकताएं पूरी जमा सिक्योरिटी से बिजली का बिल भुगतान लेना पड़ता है। इसके अलावा संचालक कम लोड पर अधिक लोड की बिजली खपत करने का झंझट से छुटकारा मिलेगा।यह भी पढ़ें- Gurugram Crime: फर्जी शपथ पत्र देकर 65 वर्षीय महिला को सवा करोड़ में बेच दिया मकान, ऐसे हुआ खुलासा
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