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Haryana News: पड़ोसी प्रदेशों में भ्रूण लिंग जांच से हरियाणा में गड़बड़ाया 10 जिलों का लिंगानुपात

हरियाणा में तेजी से सुधरते लिंगानुपात पर पड़ोसी राज्य पंजाब उत्तर प्रदेश राजस्थान और दिल्ली में संचालित रैकेट फिर से रोड़े अटकाने लगे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद पड़ोसी प्रदेशों में भ्रूणलिंग जांच और भ्रूणहत्या का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sun, 11 Dec 2022 08:29 AM (IST)
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पड़ोसी प्रदेशों में भ्रूण लिंग जांच से हरियाणा में गड़बड़ाया 10 जिलों का लिंगानुपात
चंडीगढ़, सुधीर तंवर: हरियाणा में तेजी से सुधरते लिंगानुपात पर पड़ोसी राज्य पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में संचालित रैकेट फिर से रोड़े अटकाने लगे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद पड़ोसी प्रदेशों में भ्रूणलिंग जांच और भ्रूणहत्या का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। नतीजन पिछले साल के मुकाबले इस साल 10 जिलों में लिंगानुपात बिगड़ गया। खासकर जीटी रोड बेल्ट पर पड़ते कुरुक्षेत्र और करनाल, राजस्थान से लगते रेवाड़ी, दिल्ली से सटे फरीदाबाद और पंजाब-राजस्थान के समीप स्थित हिसार में लिंगानुपात में 27 से 30 अंकों की गिरावट आई है।

अधिकारियों से सेटिंग कर बच निकलते दलाल

हरियाणा की स्वास्थ्य टीमों द्वारा पड़ोसी जिलों में बड़े स्तर पर छापामारी अभियान के बावजूद स्थानीय स्तर के अधिकारी आरोपित डाक्टरों और दलालों को बचा ले जाते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी पड़ोसी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के समक्ष कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं। हाल ही में दिल्ली में जिस तरह लिंग जांच और भ्रूणहत्या के मामले उजागर हुए, उससे साफ है कि हरियाणा के दलालों का नेटवर्क दूसरे राज्यों में कितनी गहराई तक जड़े जमाए हुए है।

साल में दो अंक बढ़ा लिंगानुपात

प्रदेश स्तर पर लिंगानुपात में सुधार लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा का लिंगानुपात (एसआरबी) 916 पहुंच गया है। पिछले साल के मुकाबले प्रति एक हजार पुरुषों पर दो बेटियां ज्यादा जन्मीं। वर्ष 2021 में लिंगानुपात 914 था। कोख में बेटियों को बचाने के मामले में फतेहाबाद जिला सबसे आगे है।

कोरोना ने रोकी लिंगानुपात में सुधार की रफ्तार

हरियाणा को सबसे खराब लिंगानुपात वाले राज्यों में गिना जाता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 919 के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले हरियाणा में सबसे कम बाल लिंगानुपात (834) था। पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश के लिंगानुपात में लगातार सुधार देखा जा रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2015 में राज्य का लिंगानुपात 876 था जो 2016 में बढ़कर 900 हो गया। इसके बाद 2017 में 914 और 2019 में 923 हो गया, लेकिन 2020 में कोराना के दौर में बेटियों के जन्म में कमी आई और लिंगानुपात घटकर 922 रह गया।

भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने वाले को एक लाख का इनाम

भ्रूणहत्या और लिंग जांच रोकने को लेकर पिछले छह वर्षों में 875 से अधिक एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में छापामारी करते हुए 225 केस दर्ज कराए गए और तीन हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। लिंगानुपात सुधारने में मुखबिर प्रोत्साहन योजना भी कारगर रही है जिसके तहत लिंग जांच की जानकारी देने वाले मुखबिर को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।

अभिभावकों की सोच अब बदल गई है

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि लड़कियों को विशेष प्रोत्साहन दिए जाने से अभिभावकों की सोच अब बदल गई है। महिला उत्थान के लिए हमने कई बड़े कदम उठाए हैं और कई पर काम चल रहा है। केजी से पीजी तक महिलाओं को मुफ्त शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा को पांच लाख सीसीटीवी कैमरे, सरकारी कार्यालयों में महिलाओं के बच्चों के लिए क्रेच, एनीमिया मुक्त बच्चे और महिलाएं, हर कस्बे में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के सामान की बिक्री के लिए स्टोर, सार्वजनिक स्थानों पर सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें व शहरों में पिंक बस सेवा इनमें प्रमुख हैं। बेटियां बचाने को हमें राष्ट्रीय स्तर पर कानगी देवी अवार्ड सहित आधा दर्जन से अधिक पुरस्कार मिले हैं। हमारी मुहिम जारी रहेगी व लिंगानुपात को 950 के पार लेकर जाएंगे। 

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