पराली से प्रदूषण की समस्या पर हरियाणा सरकार ने दिल्ली और पंजाब पर उठाई उंगली, कहा- नासा के डेटा से सामने आई सच्चाई
पराली से प्रदूषण के मामले पर हरियाणा सरकार ने दिल्ली और पंजाब सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरियाणा सरकार के ओएसडी ने नासा की जारी तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि 25 और 26 अक्टूबर को हरियाणा की तुलना में पंजाब में दोगुना पराली जलाई गई हैं। वहीं दिल्ली हरियाणा और पंजाब एक दूसरे पर प्रदूषण को लेकर उंगलियां उठा रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 06:28 PM (IST)
एएनआई, अंबाला। प्रदूषण की समस्या पर हरियाणा सरकार सहित दिल्ली और पंजाब के राज्य आपस में भिड़ गए हैं। हरियाणा ने तस्वीरें जारी करते हुए दावा किया कि ये तस्वीरें नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की है, जिसमें हरियाणा की तुलना में पंजाब में सबसे अधिक पराली जलती हुई दिखाई दे रही है।
हरियाणा सरकार ने तस्वीरें जारी करते हुए दावा किया कि 25 और 26 अक्टूबर को हरियाणा की तुलना में पंजाब में पराली जलाने की दोगुनी से अधिक घटनाएं हुईं हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) जवाहर यादव ने पराली जलाने के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में प्रदूषण बढ़ने का कारण हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाने को बता चुके हैं।
नासा के डेटा में पंजाब में सबसे ज्यादा जलाई गई पराली: हरियाणा ओएसडी
हरियाणा सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि 25 और 26 अक्टूबर का नासा का डेटा है, जो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पंजाब और हरियाणा में कहां पराली जलाई जा रही है। हरियाणा की तुलना में पंजाब में दोगुने से अधिक पराली जलाई गई है। हरियाणा सरकार ने इसे कम कर दिया है। नासा के डेटा को लेकर अरविंद केजरीवाल का बयान संदेह पैदा करता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारतीय एजेंसियां प्रदूषण पर डेटा नहीं दे रही हैं। अब उन्हें इसकी जरूरत क्यों है? पंजाब सरकार विफल हो गई है और अरविंद केजरीवाल का चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो गया है।
सरकार ने एक बयान में कहा कि पंजाब सरकार ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी सूचीबद्ध किया। मशीनों का समय पर वितरण, बेकार पड़ी मशीनों का उपयोग, विभिन्न उद्योगों में पराली का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयास, विभिन्न निवारक प्रयास, विभिन्न इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों को बढ़ावा देने के अभियान और किसानों से अपील ने महत्वपूर्ण प्रयास दिखाए हैं और सुधार सुनिश्चित किया है।
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