हरियाणा विधानसभा में गूंजा Sunny Deol का फेमस 'तारीख पे तारीख' डायलॉग, दुष्यंत चौटाला ने जताई आपत्ति
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन काफी कुछ हुआ। एक तरफ जहां विपक्ष ने परिवार पहचान पत्र का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। वहीं एक निर्दलीय विधायक ने न्यायिक व्यवस्था की बात करते हुए बॉलीवुड एक्टर सनी देओल का फेमस डायलॉग तारीख पे तारीख का जिक्र किया। इसको लेकर विधायक और डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला के बीच बहस भी हुई।
By Anurag AggarwaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 29 Aug 2023 07:41 PM (IST)
हरियाणा, राज्य ब्यूरो। Haryana Monsoon Session हरियाणा की जिला अदालतों में जजों के पद खाली पड़े हैं। मंगलवार को बादशाहपुर के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने सदन में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने फिल्म अभिनेता सनी देओल की फिल्म दामिनी के एक डायलॉग 'तारीख पे तारीख...' का भी जिक्र किया। इस मुद्दे को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तथा राकेश दौलताबाद में मामूली बहस भी हुई।
दौलताबाद ने सरकार से जिला अदालतों में जजों की संख्या, रिक्त पदों की संख्या तथा पदों को भरने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था, जिसके जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने बताया कि हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के काडर में निचली अदालतों में हरियाणा वरिष्ठ न्यायिक सेवा अधिकारियों (सत्र न्यायालय) के 246 पद और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के 526 पद स्वीकृत हैं।
'जो पद रिक्त हैं, वह सेवानिवृत्ति के कारण...'
सरकार ने सदन में दावा किया कि जो पद रिक्त हैं, वह सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त हुए हैं। इस समय हरियाणा वरिष्ठ न्यायिक सेवा काडर में उच्च न्यायपालिका के 68 अधिकारियों की आवश्यकता है, जिनमें से 39 पद पदोन्नति से भरे जाने हैं। हरियाणा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के 129 पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया जारी है। जजों के 129 रिक्त पदों को भरने का मामला राज्य सरकार के विचाराधीन है।पूरक सवाल लगाते हुए राकेश दौलताबाद ने बॉलीवुड की एक फिल्म 'दामिनी' का हवाला दिया और कहा कि विधानसभा की तरफ से हाई कोर्ट को इस संबंध में लिखा जाए। फिल्म दामिनी में सनी देओल का एक डायलाग है, तारीख पे तारीख। दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की न्याय व्यवस्था को लेकर संतुष्टि व्यक्त करते हुए राकेश दौलताबाद की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। वहीं, स्पीकर डॉ. ज्ञानचंद गुप्ता ने दौलताबाद को टोकते हुए कहा कि हाई कोर्ट को किसी तरह का निर्देश विधानसभा नहीं दे सकती है।
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