Haryana News: टेंडर विवाद के चलते रेलवे एटीएम सील, यात्री हुए परेशान
रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए एटीएम के साथ ई टिकट को लेकर दिया गया टेंडर विवाद की भेंट चढ़ गया। उत्तर रेलवे के पांचों मंडल अंबाला दिल्ली फिरोजपुर लखनऊ और मुरादाबाद में एटीएम सील कर दी गई और बैंकों पर करोड़ों रुपयों की रिकवरी निकाल दी गई। बैंक अधिकारियों से संपर्क किया। कुछ जगहों पर वार्ता सफल रही तो कुछ जगहों पर मामला अधर में लटक गया।
दीपक बहल,अंबाला। रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए एटीएम के साथ ई टिकट को लेकर दिया गया टेंडर विवाद की भेंट चढ़ गया। उत्तर रेलवे के पांचों मंडल अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ और मुरादाबाद में एटीएम सील कर दी गई और बैंकों पर करोड़ों रुपयों की रिकवरी निकाल दी गई। बैंक अधिकारियों से संपर्क किया। कुछ जगहों पर वार्ता सफल रही, तो कुछ जगहों पर मामला अधर में लटक गया। इसका खमियाजा आज तक यात्री भुगत रहे हैं।
अब नए सिरे से स्टेशनों पर एटीएम लगाने के लिए टेंडर निकाला गया, लेकिन बैंकों से इससे किनारा कर लिया। अंबाला मंडल के करीब 16 लोकेशन पर एक भी बैंक ने हामी नहीं भरी। उत्तर रेलवे मुख्यालय के दखल पर मंडल की शक्तियों में इजाफा किया गया, ताकि बैंकों से टाइअप करके नए सिरे से एटीएम मशीनें लगाई जा सकें, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाया। पक्ष लेने के लिए किया गया फोन डीआरएम मंदीप सिंह भाटिया ने रिसीव नहीं किया। वाट्सअप पर भेजे गए सवालों का जवाब देन भी उचित नहीं समझा।करीब 50 एटीएम की गई थी सीलउत्तर रेलवे के स्टेशनों पर करीब 50 आटोमेटिक टैलर मशीन (एटीएम) लगाई गई थी।
अधिकांश एटीएम के साथ बैंकों ने कियोस्क लगाए ही नहीं। एटीएम के लिए छह वर्ग मीटर जगह निर्धारित की गई थी, लेकिन बैंकों ने अधिक जगह कर ली। रेलवे ने कियोस्क के लिए 1.5 वर्ग मीटर का किराया और एटीएम के छह वर्ग मीटर से अधिक जगह करने पर रिकवरी निकाली। पिछले दस सालों से रिकवरी के बाद बैंक और रेलवे के बीच में कईं वार्ताएं हुईं। अंबाला मंडल में करीब 14 एटीएम सील की गई थीं, जबकि दिल्ली, फिरोजपुर, मुरादाबाद, लखनऊ में भी इसी तरह से करीब 56 एटीएम सील की गई हैं। बैंक कियोस्क की रिकवरी देने को तैयार नहीं थे, जबकि रेलवे इसके बिना सील खोल नहीं रहा।
मंडलों ने उत्तर रेलवे के बड़ौदा हाउस में पत्राचार किया था।रेलवे की मानीटरिंग में दिखी लापरवाहीएटीएम लगाने के दौरान काफी लापरवाही बरती गई थी। कितनी जगह दी जा रही है उसकी नपाई का जिम्मा इंजीनियरिंग विभाग का होता है। यही नहीं कामर्शियल विभाग ई-टिकटिग सुविधा को लेकर मानीटरिग करता कि यह शुरू हुई या नहीं।
इसी कारण से सालों तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर ई टिकटिग के न तो कियोस्क लगाए गए और निर्धारित जगह से अधिक पर एटीएम इस्तेमाल होता रहा। रेलवे की विजिलेंस भी स्टेशन पर मानीटरिंग करती है और अफसर भी निरीक्षण करते हैं। इसके बावजूद लंबे समय के बाद यह सारा खुलासा हुआ। एटीएम सील, भटक रहे यात्रीवित्त वर्ष 2017-18 में एटीएम को सील कर दिया गया, लेकिन आज तक समाधान नहीं हो पाया।
अंबाला रेल मंडल ने करीब तीन करोड़ रुपये लाइसेंस फीस निकाली थी, जिसमें कुछ राशि जमा भी हुई। ऐसे में एटीएम की सुविधा नहीं मिल पा रही है।1100 स्टेशनों पर मिलनी थी सुविधाकरीब 13 साल पहले रेल मंत्री रहे लाल प्रसाद यादव ने एटीएम के साथ टिकट और ई टिकट की सुविधा शुरू की थी।
एटीएम के पास ही कियोस्क भी लग जाने थे। बैंक और रेलवे के बीच में टाइअप हुआ। इसके तहत 1.5 मीटर जगह पर एटीएम और ई टिकट प्रदान करने की योजना बनी। जमीन उपलब्ध कराने के लिए बोर्ड ने उसकी कीमत भी निर्धारित कर दी थी। कियोस्क के लग जाने से ई टिकटिग में बढ़ती दलालों की सेंधमारी में कुछ हद तक अंकुश भी लगने की उम्मीद थी।