Haryana News: नूंह हिंसा मामले में जांच एजेंसी पर संदेह का कोई कारण नहीं- हाई कोर्ट, याचिकाकार्ता को दिया जवाब
हाल ही में हरियाणा के नूंह में हुए दंगो के मामले में पारदर्शी तरीके से जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जवाब दिया है। कोर्ट ने कहा कि हमारे पास जांच एजेंसी पर संदेह करने का कोई कारण मौजूद नहीं है। जांच एजेंसी को अपने पक्ष में जो भी सबूत उपलब्ध करवाना चाहता है वह दे सकता है।
By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Tue, 26 Sep 2023 09:28 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Nuh Violence Investigation नूंह हिंसा के मामले में पारदर्शी तरीके से जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे पास जांच एजेंसी (Investigation Agency) पर संदेह करने का कोई कारण मौजूद नहीं है। जांच एजेंसी को अपने पक्ष में जो भी सबूत उपलब्ध करवाना चाहता है वह दे सकता है, अदालत को विश्वास है कि पुलिस अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने से पहले इन पर ध्यान अवश्य देगी।
मेवात निवासी सहूना ने दाखिल की याचिका
मेवात निवासी सहूना ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि उसका पति जकारिया व उसका दोस्त जावेद नूंह हिंसा के दौरान मेवात में मौजूद नहीं थे बावजूद इसके उन्हें कई एफआईआर में आरोपी बना दिया गया है। दोनों 31 जुलाई को दिल्ली के लिए निकले थे और इस दौरान टोल पर उनकी मौजूदगी और अन्य सीसीटीवी फुटेज अहम सबूत हैं। याचिकाकर्ता के पति व उनके दोस्त की कॉल डिटेल रिकार्ड भी अहम सबूत है लेकिन पुलिस इन पर ध्यान नहीं दे रही है।
मेवात और गुरुग्राम पुलिस की जगह दूसरे जिले की पुलिस से जांच की मांग
याचिका में अपील की गई कि इस मामले की जांच मेवात और गुरुग्राम पुलिस के अतिरिक्त किसी अन्य जिले की पुलिस को सौंपी जाए। एसआईटी की निगरानी की जिम्मेदारी आईजी व डीजीपी को सौंपी जाए। हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी कहा कि हमारे पास ऐसा कोई कारण नहीं है जो जांच एजेंसी के प्रति संदेह पैदा करे। साथ ही यह भी विश्वास है कि पुलिस अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने से पहले याची द्वारा सौंपे गए सबूतों पर गौर करेगी।
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