बुढ़ावा पेंशन पर बढ़ रही रार! निर्दलीय भी BJP के साथ, रणजीत चौटाला बोले- वित्तीय हालात को देखना बहुत जरूरी
हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन को लेकर रार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री खट्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी ने 3000 रुपये मासिक पेंशन का वादा किया था जिसे वो चरणबद्ध तरीके से पूरा कर रही है। उधर दुष्यंत चौटाला के विचार कुछ और ही हैं।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 01 May 2023 08:58 PM (IST)
चंडीगढ़, अनुराग अग्रवाल। हरियाणा में वृद्धों को मिलने वाली बुढ़ापा पेंशन पर रार बढ़ गई है। भारतीय जनता पार्टी जहां स्पष्ट कर चुकी है कि उसने अपने चुनाव घोषणा पत्र में तीन हजार रुपये मासिक पेंशन देने का वादा जनता से किया था, जिसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है, वहीं भाजपा सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने की रट लगाते-लगाते अब यह कहना शुरू कर दिया है कि हमारे विधायकों की संख्या कम है, इसलिए हम पांच हजार रुपये मासिक पेंशन नहीं दे पा रहे हैं।
पेंशन के मुद्दे पर भाजपा व जजपा के बीच चल रहे इस विवाद में हरियाणा के बिजली व जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला भी कूद पड़े हैं। भाजपा सरकार को जजपा के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। निर्दलीय विधायकों की ओर से रणजीत सिंह चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में मंत्री हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा भी सरकार के साथ हैं।रणजीत सिंह चौटाला ने सोमवार को कहा है कि पेंशन का मुद्दा बेहद गंभीर मुद्दा है। इसे पांच हजार करने के लिए प्रदेश के वित्तीय हालात तथा प्रदेश की व्यवस्था को देखना जरूरी है। रणजीत चौटाला के अनुसार, भाजपा का दावा है कि उन्होंने पांच साल में क्रमवार तीन हजार रुपये मासिक पेंशन करने की बात कही थी, जबकि जजपा ने पांच हजार रुपये पेंशन देने का वादा प्रदेश की जनता से किया था। जजपा ने जब यह वादा किया था, उस समय भाजपा के साथ उसका गठबंधन नहीं हुआ था। दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव घोषणा पत्र जारी किए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला ही जनता को बता सकते हैं कि गठबंधन की सरकार बनने के बाद पेंशन के मुद्दे पर उन्होंने क्या साझा कार्यक्रम तय किया था।
मुख्यमंत्री कह चुके- भाजपा ने अपना वादा पूरा किया मुख्यमंत्री के निवर्तमान राजनीतिक सचिव अजय गौड़ ने कहा, "भाजपा ने चुनाव में उतरने से पहले अपने घोषणा पत्र में तीन हजार रुपये मासिक पेंशन देने का वादा किया था, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही कहा है कि राज्य में भाजपा की सरकार है और जजपा हमारी सहयोगी पार्टी है। हम उसके दबाव में फैसले नहीं लेते। भाजपा वही वादे करती है, जो पूरे हो सकें। हमने अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों से आगे बढ़ते हुए राज्य को भ्रष्टाचार की दलदल से बाहर निकाला है। कम शासन और अधिकतम सुशासन पर चलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने को तैयार हैं।"
पर्याप्त विधायक होते तो पांच हजार रुपये होती पेंशन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, "मैं पेंशन में हुई 250 रुपये मासिक की बढ़ोत्तरी से भी खुश हूं, लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करता रहूंगा। हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन पूरे देश में सबसे ज्यादा है। अगर जजपा के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक होते तो हरियाणा में पहली कलम से 5100 रुपए पेंशन करने के फैसले पर मुहर लगती। बुढ़ापा पेंशन तीन साल में 750 रुपए बढ़कर 2750 हो गई है। हम पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने के अपने वादे पर अडिग हैं।"
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