हरियाणा के किसानों के 266 करोड़ अभी भी बकाया, दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से पूछा- अब तक क्यों नहीं हुआ भुगतान
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार के दावों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 15 दिन में गन्ने की कीमत का भुगतान करने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार बताए कि मिलों के बंद होने के तीन महीने बाद भी किसानों के पैसे का भुगतान क्यों नहीं किया गया है। उन्होंने कहा सरकार तुरंत पैसों का भुगतान करे।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा के सवाल पर संसद में केंद्र सरकार ने माना कि हरियाणा के गन्ना किसानों का पेराई सीजन 2022-23 का 17 जुलाई की स्थिति के अनुसार 266 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है। दीपेंद्र हुड्डा ने मांग की है कि प्रदेश सरकार हरियाणा के गन्ना उत्पादक किसानों की बकाया राशि का ब्याज सहित तुरंत भुगतान करे।
उन्होंने कहा कि किसानों को समय से भुगतान न मिलने के कारण किसानों को अपना परिवार चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है, जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों से गन्ना खरीद के साथ तुरंत भुगतान सुनिश्चित किया जाता था।
'अब तक क्यों नहीं हुआ भुगतान'
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार के दावों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 15 दिन में गन्ने की कीमत का भुगतान करने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार बताए कि मिलों के बंद होने के तीन महीने बाद भी किसानों के पैसे का भुगतान क्यों नहीं किया गया है।
सांसद ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्ड 193 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये क्विंटल तक पहुंचाया। नौ साल में 165% की बढ़ोतरी की गई। भाजपा सरकार ने गन्ने का भाव 2014 में 310 से बढ़ाकर 2022-23 में 362 रुपये ही किया, यानी नौ साल में मात्र 17% वृद्धि हुई।
'भाजपा का दावा फेल हो चुका है'
दीपेंद्र ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी का भाजपा का दावा तो पहले ही फेल हो चुका है। उन्होंने याद दिलाया कि 2015-16 में गन्ने का रेट 317 रुपये था, जिसका दोगुना 634 रुपये होता है। इस हिसाब से भाजपा सरकार को गन्ना किसान की आमदनी दोगुनी करने के लिये रेट कम से कम 634 रुपये तो करना ही चाहिए।