Haryana Weather News: बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, सरकार ने किसानों दी राहत
हरियाणा में शनिवार को भी प्रदेश के कई जिलों में मौसम बिगड़ने का दौर जारी रहा। गुरुग्राम रोहतक नारनौल बहादुरगढ़ सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। वहीं रोहतक और बहादुरगढ़ के कई गांवों में जमकर ओलावृष्टि भी हुई। कई गांवों में खेतों में सफेद चादर बिछ गई।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 02 Apr 2023 09:58 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो रही हैं। शनिवार को भी प्रदेश के कई जिलों में मौसम बिगड़ने का दौर जारी रहा। गुरुग्राम, रोहतक, नारनौल, बहादुरगढ़ सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। वहीं रोहतक और बहादुरगढ़ के कई गांवों में जमकर ओलावृष्टि भी हुई। कई गांवों में खेतों में सफेद चादर बिछ गई, जिससे फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
ऐसे में सरकार ने किसानों को राहत दी है। फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल फिर खोल दिया है। अब सोमवार तक किसान इस पोर्टल पर अपनी खराब हुई फसल की जानकारी अपलोड कर सकते हैं। नुकसान का ब्योरा दर्ज कराने में किसान देरी न करें। पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को ही सरकार मुआवजा देगी।
यह है प्रक्रिया
किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए सबसे पहले fasal haryana.gov.in/ पोर्टल को खोलना होगा। फिर किसान अनुभाग पर क्लिक करें। इसके बाद ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए क्लिक करें। इसके उपरांत परिवार पहचान पत्र की आइडी, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा आइडी या मोबाइल नंबर में से किसी एक से लागिन करें।लागिन करने के उपरांत जिस किसान ने पंजीकरण किया है उसका ब्योरा खुल जाएगा। इसके बाद किसान अपनी फसल के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के उपरांत संबंधित विभाग व अधिकारी द्वारा आपकी शिकायत पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसान अपने मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर या फिर अटल सेवा केंद्र पर जाकर फसल नुकसान की सूचना दें सकते हैं।
करीब छह लाख फसल नुकसान का पहुंचा आंकड़ा
प्रदेश में अभी तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रदेशभर से 5.76 लाख एकड़ फसल में नुकसान की शिकायतें आई हैं। करीब 4900 गांवों में एक लाख से अधिक किसान मौसम की मार से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में इस साल 22.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल बोई गई है।दाना काला पड़ने की आशंका
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक लगातार बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से करीब 25 प्रतिशत तक फसल खराब हुई है। प्रदेश में अमूमन प्रति हेक्टेयर से 45 से 50 क्विंटल गेहूं का उत्पादन रहता है। प्रभावित क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर पांच से सात क्विंटल उत्पादन घट सकता है। कारण यह कि बारिश और तेज हवा चलने से गेहूं की फसल खेतों में गिर गई है। जो फसल गिर गई है, अब वह दोबारा नहीं उठ पाएगी। हजारों एकड़ जमीन में एक से डेढ़ फीट तक जलभराव है। खेतों में बिछी गेहूं की फसल का दाना काला पड़ने की आशंका है।
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