Ambala News: रोडवेज चालक का आज होगा अंतिम संस्कार, सरकार ने मानी परिजन की सारी शर्त; गणतंत्र दिवस के दिन मिलेगा सम्मान
दो दिन पहले हुए अंबाला(Ambala Roadways Driver Murder Case) में रोडवेज चालक की हत्या के बाद आज वीरवार को उसके शव का अंतिम संसकार होगा। बुधवार को हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों को मनाने में सरकार ने सफलता पाई है। तक के छोटे बेटे को तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरी दी जाएगी और पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपये दिए जाएंगे।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Thu, 16 Nov 2023 09:38 AM (IST)
जागरण डिजिटल डेस्क, अंबाला। (Haryana Roadways Strike Over) दो दिन पहले हुए अंबाला में रोडवेज चालक की हत्या के बाद आज वीरवार को उसके शव का अंतिम संसकार किया जाएगा। बुधवार को हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों को मनाने में आखिरकार सरकार ने सफलता हासिल की है। बता दें हरियाणा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज कर्मचारी नेताओं की शाम को लगभग 3 घंटे तक बैठक चली।
बैठक के बाद सहमति बनी की मृतक के छोटे बेटे को तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरी दी जाएगी और पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। मांगे पूरी होने के बाद रोडवेज कर्मचारियों ने अपने हड़ताल को खत्म कर दिया और रात 8 बजे के बाद सभी बसों का संचालन एक बार फिर से शुरू हो गया।
हड़ताल को ड्यूटी पीरियड में किया जाएगा शामिल
20 घंटे की हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों की सरकार से मांग थी कि सरकार उसे अनुपस्थिति में दर्ज न करे बल्कि ड्यूटी पीरियड में शामिल करे। जिसे सरकार ने स्वीकार भी किया। मृतक का पार्थिव शरीर आज उसके उसके पैतृक गांव में पहुंचाया जाएगा, जहां पर उसका अंतिम संस्कार होगा।यह भी पढ़ें: Haryana Roadways Strike: अंबाला में चालक की हत्या के विरोध में आज शहर-शहर चक्का जाम, परिवहन मंत्री संग बैठक
26 जनवरी के दिन मरणोपरांत मिलेगा सम्मान
मृतक को 26 जनवरी के दिन मरणोपरांत सम्मान मिलेगा। परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा(Moonchand Sharma) और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क के साथ रोडवेज कर्मचारियों की बैठक में कई बार माहौल गर्म दिखा।कर्मचारियों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि अंबाला में रोडवेज कर्मचारी की हत्या के बाद न तो उपायुक्त और न पुलिस अधीक्षक ने कोई गंभीरता दिखाई। बैठक में सरकार नौकरी देने पर भी बात नहीं बन रही थी लेकिन रोडवेज कर्मचारियों की मांगों के आगे सरकार को झुकनी ही पड़ा।
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