India-Pakistan War 1971 भारत-पाक युद्ध 1971 जहां तीन दिसंबर को शुरू हुआ वहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स के निशाने पर अंबाला एयरबेस रहा। युद्ध के चौथे दिन अंबाला में पाक युद्धक विमानों ने बम बरसाए लेकिन एयरबेस का कुछ नहीं बिगड़ा। युद्ध शुरू होने के 14 दिन बाद ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर कर दिया। इस युद्ध में जिस खड्ग कोर ने अहम भूमिका निभाई थी वह अंबाला में ही मौजूद है।
By KULDEEP SINGH CHAHALEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 12:28 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अंबाला। India-Pakistan War 1971: भारत-पाक युद्ध 1971 जहां तीन दिसंबर को शुरू हुआ, वहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स के निशाने पर अंबाला एयरबेस रहा। युद्ध के चौथे दिन अंबाला में पाक युद्धक विमानों ने बम बरसाए, लेकिन एयरबेस का कुछ नहीं बिगड़ा।
चौदह दिनों में ही घुटनों पर आ गई पाकिस्तानी सेना
पाकिस्तान को जवाब देने के लिए अंबाला से जो प्लान बना, उसने दुश्मनों की नींद उड़ा दी। इस युद्ध में जिस खड्ग कोर ने अहम भूमिका निभाई थी वह अंबाला में ही मौजूद है। इस युद्ध में दुश्मनों को इतनी क्षति पहुंचाई थी कि महज चौदह दिनों में पाकिस्तानी सेना घुटनों पर आ गई और पाक एयरफोर्स का दम निकल गया।
शाहपुर में गिराये थे पाक ने बम
इतिहास पर नजर मारें तो 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारत पर हमला किया था और निशाने पर एयरबेस थे। युद्ध शुरू होने के बाद 9वें दिन पाक युद्धक विमानों ने अंबाला एयरबेस को निशाना बनाने के लिए अटैक किया। 9 दिसंबर की मध्य रात्रि को यह अटैक किया गया।
अंबाला एयरबेस पर गिराने थे बम
अंबाला एयरबेस पर इन विमानों ने बम गिराने थे, लेकिन इससे छह किलोमीटर दूर शाहपुर में बम गिरा दिए। पाकिस्तान का जो प्लान अंबाला एयरबेस को नुकसान पहुंचाने का था, उसमें वे कामयाब नहीं रहे।
अंबाला से अमृतसर पहुंचे थे विंग कमांडर
इस युद्ध के दौरान विंग कमांडर एचएस मांगट, जाे स्कवाड्रन 32 के कमांडर थे, वे अंबाला थे। पाकिस्तान को जवाब देने के लिए वे 4 दिसंबर को अंबाला से अमृतसर पहुंचे। अमृतसर से वे सुखोई विमान लेकर पाकिस्तान में दाखिल हुए और शोरकोट एयफील्ड को निशाना बनाया।
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पाकिस्तान को हुई काफी क्षति
पाकिस्तान को उन्होंने इस कदर जवाब दिया कि पाक सेना को दो बी-57, एक मिराज, दो सेबर जैट विमानों को बर्बाद कर दिया। वे इतने पर ही नहीं रुके, जबकि पाकिस्तान की रेलवे यात्रा, गुड्स ट्रेन को भी बर्बाद कर दिया।
क्या है खड्ग कोर?
साल 1971 में भारत पाक युद्ध के दौरान लेफ्टिनेंट जरनल टीएन रैना ने पश्चिम बंगाल में खड्ग कोर की स्थापना की। इस कोर ने बंगलादेश को पाकिस्तान के चंगुल से आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कोर के जवानों ने इस युद्ध के दौरान गंगा और पदमा नदी के बीच स्थित बांग्लादेश के खलुआ, जसोर, मगूरा, झेनिदा इलाकों पर कब्जा करके पाकिस्तानी सेना को भागने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान के कई सैनिकों को बंदी भी बनाया। युद्ध समाप्त हुआ तो खड्ग काेर का मुख्यालय चंडीमंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। साल 1985 में कोर का मुख्यालय अंबाला कैंट लाया गया। यह कोर आज भी अंबाला में तैनात है।
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