मोहन यादव होंगे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने गले लगाकर दी बधाई
मध्यप्रदेश में कौन बनेगा सीएम के सवाल से पर्दा उठ चुका है। बीजेपी ने मोहन यादव (Mohan Yadav) को मध्य प्रदेश का नया सीएम (CM of Madhya Pradesh) बनाया है। वहीं हरियाणा सीएम मनोहर लाल (Haryana CM Manohar Lal) केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मध्यप्रदेश पहुंचे जहां उन्होंने मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव गले लगाकर बधाई दी है।
डिजिटल डेस्क, अंबाला। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर सस्पेंस के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय पर्यवेक्षक और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कार्यक्रम में पहुंचे। मोहन यादव को मध्यप्रदेश का सीएम बनाया गया है। इसके साथ ही हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव को बधाई दी है।
बीजेपी ने की थी तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों की घोषणा
भाजपा ने गुरुवार को तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों की घोषणा की, जिसमें हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण और राज्य के लिए राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा शामिल हैं। गौरतलब है कि पार्टी ने राज्य में आखिरी बार केंद्रीय पर्यवेक्षक 2005 में बनाए थे जब पूर्व सीएम बाबू लाल गौर ने सीएम पद छोड़ा था। उसके बाद नवंबर 2005 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इससे पहले केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति 2004 में की गई थी, जब पूर्व सीएम उमा भारती ने सीएम पद छोड़ दिया था और उसके बाद बाबू लाल गौर थे। राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। तब से राज्य में कोई केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किया गया है। 2008 और 2013 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान, भाजपा सत्ता में रही और चौहान राज्य के सीएम बने रहे।
मध्य प्रदेश की जनता के अपार स्नेह से भारतीय जनता पार्टी को बम्पर बहुमत प्राप्त हुआ। बहुमत के साथ चुनकर आए हुए सम्मानित विधायकों के सर्वसम्मत निर्णय से चयनित @BJP4MP विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव जी को ढेर सारी बधाई।
हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में मध्य प्रदेश, माननीय… pic.twitter.com/rmoMO4lC40
2020 में कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी ने मचाई थी हलचल
साल 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान अनुभवी नेता कमल नाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ कांग्रेस सत्ता में लौट आई, लेकिन 2020 में तत्कालीन कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 वफादार विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई।
अल्पमत में आने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई और भाजपा ने सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बने। लेकिन इस बार जब बीजेपी फिर प्रचंड बहुमत से विजयी हुई तो पार्टी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है।
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान हुआ था और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को हुई थी। राज्य में करीब 20 साल की सत्ता से जूझ रही भाजपा ने 163 सीटें हासिल कर शानदार जनादेश हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।