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कोरोना इफेक्ट : रेलवे में जुलाई तक न तबादले, न होंगे रिलीव, 31 मई तक ट्रेनों का संचालन रोका

रेलवे ने जुलाई तक कर्मचारियों के तबादलों पर राेक लगा दी है। इसके साथ ही किसी कर्मचारी को रिलीव भी नहीं किया जाएगा। स्‍पेशल ट्रेनों को छोड़कर अन्‍य 31 मई तक नहीं चलेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 13 May 2020 08:22 AM (IST)
कोरोना इफेक्ट : रेलवे में जुलाई तक न तबादले, न होंगे रिलीव, 31 मई तक ट्रेनों का संचालन रोका
अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे पर भी कोरोना का असर साफ दिख रहा है। रेलवे ने जुलाई तक कर्मचारियों के तबादले और उनको रिलीव करने का फैसला किया है। इसके साथ ही देश में लॉकडाउन 3.0 के बीच में ही उसने बड़ी राहत देते स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतर दी लेकिन 31 मई तक मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनें रद करने का फैसला लिया है।

तबादला सूची जारी होने के बावजूद कर्मचारी रिलीव नहीं होंगे

कोरोना वायरस की वजह से रेलवे में ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को कुछ रफ्तार मिली, लेकिन अब इसका इफेक्ट कर्मियों व अधिकारियों पर होता नजर आ रहा है। एक ही जगह चार साल से ज्यादा जमे कर्मचारियों और रेलवे अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट हर साल जारी होती है। इस बार सूची जारी होने के बाद भी कोई रिलीव नहीं हुआ। इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब मंगलवार को रेल मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है कि 31 जुलाई 2020 तक न किसी का तबादला किया जाएगा न ही कोई रिलीव होगा।

रेलवे बोर्ड और सेंट्रल रेलवे के बीच पत्राचार के बाद ट्रेनें बंद का लिया फैसला

रेलवे बोर्ड और सेंट्रल रेलवे के बीच पत्राचार होने के बाद सेंट्रल रेलवे ने यह आदेश जारी कर दिए हैं। लॉकडाउन 17 मई तक है, इसी बीच सेंट्रल रेलवे ने सभी यात्री ट्रेनों के परिचालन पर 31 मई तक रोक लगा दी है। हालांकि, रेलवे के दूसरे जोन में ट्रेनें पटरी पर उतरेगी या नहीं, इसका पुष्टि नहीं हो सकी। संभावना है सेंट्रल रेलवे की इन जोन में भी संचालन रोका जा सकता है, सिर्फ स्पेशन ट्रेनें ही पटरी पर रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन के चौथे चरण का संकेत दे दिया है। उधर, कोरोना वायरस की वजह से रेलवे में ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को कुछ रफ्तार मिली, लेकिन अब इसका इफेक्ट अब कर्मियों व अधिकारियों पर होता नजर आ रहा है।

एक ही सीट पर लंबे समय जमे कर्मियों और अधिकारियों की हर साल जारी होती लिस्ट

एक ही जगह चार साल से ज्यादा जमे कर्मचारियों और रेलवे अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट हर साल जारी होती है। इस बार सूची जारी होने के बाद भी कई कर्मी-अधिकारी रिलीव नहीं हुए। इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब मंगलवार को रेल मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है कि 31 जुलाई 2020 तक न किसी का तबादला किया जाएगा न ही कोई रिलीव होगा।

इस तरह बनती है सूची

रेलवे में कंप्यूटीकृत आरक्षण, टिकटघर, पार्सल, गुड्स आदि कार्मिशयल विभाग के अधीन आते हैं। इन विभागों में तैनात कर्मचारियों को एक ही सीट पर चार साल से अधिक नहीं रहने दिया जाता। इसी प्रकार  यांत्रिक विभाग, इलेक्ट्रिकल विभाग, मैकेनिकल, इंजीनयङ्क्षरग विभाग आदि में भी संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मियों और अधिकारियों को चार साल में तबादला करने का नियम है।

टेंडर संबंधित बाबू भी इधर-उधर कर दिए जाते हैं। रेलवे का पर्सनल विभाग हर साल तबादलों की सूची जारी करता है। जिसके बाद मार्च अप्रैल में कर्मी व अधिकारी रिलीव हो जाते हैं। आमतौर पर ज्यादातर कर्मी उच्च अधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर तबादले से बचते रहे हैं।

तबादलों के इस खेल पर रेल मंत्री पीयूष गोयल को खुद संज्ञान लेना पड़ा था। उनके हस्तक्षेप के बाद तबादले करने पड़े थे। पब्लिक डीलिंग, संवेदनशील पद, टेंडर वाली सीट आदि की इस बार भी तबादला सूची जारी बनाकर जारी की गई, लेकिन कुछ रिलीव नहीं हो सके। ऐेसे में रेल अधिकारियों ने रेल मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा था। अब मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।

31 जुलाई तक नहीं होंगे रिलीव

सीनियर डीपीओ अंबाला रेल मंडल के सीनियर डीपीओ ने कहा कि जिन कर्मी व अधिकारियों का चार साल होने पर तबादला किया जाता है, उसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। 31 जुलाई तक ऐसे कर्मी व अधिकारियों के तबादले नहीं होंगे। उनका कहना है तबादला होने के बाद जो रिलीव हो गए, उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

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