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PM Svanidhi Scheme: बिना गारंटी ले सकते 50 हजार तक का लोन, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वरदान साबित हो रही पीएम स्वनिधि योजना

PM Svanidhi Scheme काम चाहे छोटा हो या बड़ा...अपना काम आखिर अपना ही होता है। लेकिन किसी भी काम को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहली जरूरत है पैसा। अक्सर लोग इस जरूरत को पूरा करने के लिए ब्याज पर रकम उधार लेते हैं काम बढ़ाने के बजाय कर्ज के जाल में फंसकर रह जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की पीएम स्वनिधि योजना आपके काफी काम आ सकती है।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 11 Mar 2024 05:52 PM (IST)
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स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वरदान साबित हो रही पीएम स्वनिधि योजना।
सुधीर तंवर, अंबाला। कोविड महामारी के दौरान रोजमर्रा का काम करने वाले रेहड़ी, ठेला लगाने वालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक जून 2020 को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (प्रधानमंत्री स्वनिधि) योजना शुरू की, जो छोटे दुकानदारों-कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वरदान साबित हुई है। आज स्ट्रीट वेंडर्स को बगैर कुछ गिरवी रखे और बगैर किसी जमानत के बहुत कम ब्याज दर पर 50 हजार रुपये तक का लोन मिल रहा है।

हरियाणा में इस योजना को डेढ़ लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स ने अपनाया है, जिससे उन्हें स्व-रोजगार शुरू करने और विस्तार करने में काफी मदद मिली। इससे उनके जीवन में गुणात्मक सुधार आया है। वर्तमान में करीब डेढ़ लाख स्ट्रीट वेंडर्स ऋण लेने की कतार में हैं जिससे अपने काम को बढ़ाकर न केवल खुद आत्मनिर्भर बनें, बल्कि देश-प्रदेश को भी आत्म निर्भर बनाने में महती भूमिका निभा सकें। केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Scheme) की पड़ताल करती राज्य ब्यूरो के प्रिंसीपल कॉरेस्पोंडेंट सुधीर तंवर की रिपोर्ट।

बगैर अड़चन के मिलता है ऋण

  • 73 प्रतिशत पुरुष लाभार्थी
  • 27 प्रतिशत महिला लाभार्थी
  • आवेदकों की औसत आयु 39 साल
  • 21 दिन में औसतन जारी हो जाता है ऋण

एससी-बीसी को मिला सर्वाधिक सहारा

  • 40 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति के हैं
  • 35 प्रतिशत लाभार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं
  • 24 प्रतिशत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों ने भी लिया ऋण
  • एक प्रतिशत लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं
  • एक प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जनजाति के हैं

ऐसे मिलेगा लोन

रेहड़ी-पटरी वालों के साथ ही सभी स्ट्रीट वेंडर्स स्थानीय शहरी निकाय में जाकर अनुशंसा पत्र (एलओआर) के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इसके अलावा पीएम स्वनिधि पोर्टल पर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। स्थानीय निकाय की ओर 15 दिन के अंदर एलओआर जारी कर दिया जाएगा। जिन ठेला दुकान चलाने वालों के पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाणपत्र नहीं है, वह अनुशंसा पत्र ले सकते हैं।

बैंक में ऐसे करें आवेदन

किसी भी नजदीकी सरकारी बैंक में जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन फार्म के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे। इसके बाद फार्म और आपके काम की जांच होगी। सब कुछ सही मिलने पर लोन जारी कर दिया जाएगा। पहली किस्त में 10 हजार रुपये का ऋण दिया जाता है। इसे चुकाने पर दूसरी किस्त में 20 हजार रुपये मिलेंगे। सही समय पर दूसरी किस्त चुकाने के बाद तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। बैंक में केवल ऑफलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

यह दस्तावेज जरूरी

  • पहचान पत्र और आधार कार्ड
  • आवेदक क्या काम करता है, उसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
  • पैन कार्ड
  • बैंक में सेविंग खाता
  • आय का स्रोत
  • ब्याज पर सब्सिडी, 1200 रुपये तक कैश बैक
लोन की किस्त को समय पर या इससे पहले चुकाने पर लाभार्थी को ब्याज पर सालाना नौ प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। सात प्रतिशत ब्याज केंद्र सरकार तथा दो प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है। ब्याज सब्सिडी को छमाही आधार पर सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है। इतना ही नहीं, डिजिटल लेनदेन पर प्रति वर्ष 1200 रुपये तक कैश बैक भी दिया जाता है।

95 प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर्स को पहली बार मिला ऋण

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पीएम स्वनिधि के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कराए गए सर्वे के मुताबिक, 10 हजार रुपये की पहली किस्त से प्रत्येक लाभार्थी को औसतन 23 हजार 460 रुपये की अतिरिक्त वार्षिक आय हुई। सर्वेक्षण में शामिल 95 प्रतिशत लोगों के लिए पीएम-स्वनिधि ऋण उनका पहला बैंक ऋण था। इनमें से 72 प्रतिशत ने कहा कि यह उनका पहला व्यावसायिक ऋण था। जिन लाभार्थियों ने 10 हजार रुपये का पहला ऋण लिया था, उनमें से 94 प्रतिशत ने इसका उपयोग व्यवसायिक निवेश करने में किया। इसी तरह दूसरी बार ऋण लेने वालों में 98 प्रतिशत ने व्यवसायिक निवेश किया।

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लाभार्थियों को आठ योजनाओं का लाभ

प्रधानमंत्री स्वनिधि से समृद्धि योजना के अंतर्गत रेहड़ी-फड़ी संचालकों को आठ कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है। इनमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी योजना, बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (बीसीओडब्ल्यू), एक देश-एक राशन कार्ड, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना व जननी सुरक्षा योजना शामिल हैं।

अब कर्मयोगी और दूधिया को भी मिलेगा लाभ

अब कर्मयोगी और दूधिया को भी पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल सकेगा। यह लोग भी 10 से 50 हजार रुपये का ऋण लेकर अपने काम को बढ़ा सकते हैं। सभी शहरों में कर्मयोगी और दूधिया को जागरूक किया जा रहा है कि वे स्ट्रीट वेंडर की तरह पंजीकरण करवा लें।

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