डाकघरों में तत्काल टिकटों का खेल, विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, लाइन में लगने के बाद भी क्यों नहीं मिलता टिकट? जानिए कैसे होता है खेला
भारतीय रेल में तत्काल टिकट पाना किसी जंग से कम नहीं है लेकिन दलालों के लिए यह बाईं हाथ का खेल है। अंबाला मंडल के चंडीगढ़ के दो डाकघरों में छापेमारी कर छह टिकटों को जब्त किया गया है। डाककर्मियों ने ये टिकटें पहले ही बना रखे थे जबकि लाइन में कोई यात्री इन टिकटों को लेने के लिए नहीं आया था।
दीपक बहल, अंबाला। भारतीय रेल में आपको कंफर्म टिकट मिले या न मिले, लेकिन दलालों से तत्काल का कन्फर्म टिकट शत-प्रतिशत गारंटी से मिलता है। रेल में तत्काल कंफर्म टिकटें दलालों के हाथ जा रहे हैं। सुबह से ही स्टेशनों पर लाइन में लगे यात्रियों को तत्काल कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता, लेकिन दलाल कुछ ही मिनटों में बनवा लाते हैं।
दलालों का यह खेल अब स्टेशनों के बाद डाकघरों तक पहुंच गया है। डाककर्मियों से सांठ-गांठ कर दलाल अब यात्रियों को तत्काल टिकटें कंफर्म उपलब्ध करा रहे हैं। उत्तर रेलवे की विजिलेंस ने अंबाला मंडल के चंडीगढ़ के दो डाकघरों में छापामारी कर छह टिकटों को जब्त किया।
डाककर्मियों ने ये टिकटें पहले ही बना रखे थे, जबकि लाइन में कोई यात्री इन टिकटों को लेने के लिए नहीं आया था। यह टिकट लंबी दूरी के थे। इन छह टिकटों पर 55 यात्रियों को यात्रा करनी थी। विजिलेंस ने इन टिकटों को जब्त करते ही पहले रद कर दिया। उत्तर रेलवे में स्टेशनों पर इस तरह के मामले पहले पकड़ में आ चुके हैं, लेकिन डाकघरों में इस तरह के खेल का यह पहला मामले आया है।
उत्तर रेलवे को सौपेगी रिपोर्ट
विजिलेंस इस प्रकरण की रिपोर्ट उत्तर रेलवे के अधिकारियों को देगी। इसके बाद दलालों से मिलीभगत कर टिकट बनवा रहे डाक कर्मियों की भी मुश्किलें बढ़नी तय हैं। दलालों ने डाकघरों को अपने व्यूह में फंसा लिया, क्योंकि वहां यात्रियों की संख्या कम होती है।
22 यात्रियों को छह टिकटों पर करना था सफर
विजिलेंस ने जिन 6 टिकटों को बरामद किया है उनमें 22 यात्रियों को सफर करना था। सेक्टर 47 में जो विजिलेंस ने 4 टिकटें बरामद की हैं उनमें 15 यात्रियों को सफर करना था। इसी तरह दूसरा टिकट कल्याण से शाहगंज तक तीन यात्रियों का, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से वाराणसी तक चार यात्रियों का और हावड़ा से चेन्नई तक चार यात्रियों का टिकट था। इसी तरह सेक्टर 55 में दो डाकघरों में भी टिकट बरामद हुए।इसलिए रेलवे ने दी थी यह सुविधा
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ देखते हुए डाकघरों में भी टिकट काउंटर खोल दिए गए थे। देशभर में 45 हजार डाकघरों में टिकटिंग की व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है।। खासकर ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया था। डाकघर के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था।और रेलवे ने अपने ही सिस्टम डाकघरों में लगाए थे जिसकी कनेक्टिविटी रेलवे के साफ्टवेयर से थी। डाकघरों में टिकट बुक कराने वालों की संख्या कम होती है इसका फायदा दलाल उठाकर अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।