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Ambala News: दो जिस्म और एक दिल...48 घंटे में ही जिंदगी की जंग हार गई 'लक्ष्मी', जानिए पूरा मामला?

चंडीगढ़ के सेक्टर-34 हुडा से छावनी नागरिक अस्पताल में दो जुड़वां बच्चियों का जन्म हुआ। ये दोनों बच्चियों दो शरीर थे और एक दिल था। परिजनों ने जुड़वा बच्चियों का नाम लक्ष्मी रखा था हालांकि ये बच्चियां जिंदगी की जंग हार गई। दोनों बच्चियों को परिजनों ने दफना दिया। वहीं बच्चियों के जाने के बाद परिवार में गम का माहौल है।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 14 Jul 2024 05:38 PM (IST)
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8 घंटे में ही जिंदगी की जंग हार गई 'लक्ष्मी' (सांकेतिक)।

जागरण संवाददाता, अंबाला। एक दिल और दो शरीर के साथ जन्मीं दो बच्चियां 48 घंटे बाद ही जिंदगी की जंग हार गईं। दोनों बच्चियों ने शनिवार-रविवार देर रात दो बजे आखिरी सांस ली थी। मां की गोद में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। दोनों का नाम स्वजनों ने लक्ष्मी रखा था।

शुक्रवार को वह दोनों बच्चियों को चंडीगढ़ पीजीआई से अपने घर ले आए थे और दोनों को ड्रॉपअर के जरिए ही दूध पिलाया जा रहा था। रविवार सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर पिता चुनचुन ने गमगीन माहौल में हुडा सेक्टर-34 के नजदीक टांगरी नदी के पास स्थित श्मशान घाट में दोनों बच्चियों को दफना दिया।

सीने से जुड़ी थीं दोनों बच्चियां

बता दें कि गुरुवार देर रात को प्रसव पीड़ा उठाने पर शकुंतला को सेक्टर-34 हुडा से छावनी नागरिक अस्पताल लाया गया था। नार्मल डिलीवरी हुई तो दो जुड़वा जन्मी थीं, लेकिन दोनों छाती से जुड़ी हुई थीं। इन दोनों का एक ही दिल था।

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परिजन ले आए थे अपने घर

कुछ ही देर बाद दोनों बच्चियों को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया था, वहां से उन्हें परिजन वापस अंबाला के छावनी नागरिक अस्पताल ले आए थे। शुक्रवार को जब डॉक्टरों ने दोबारा बच्चियों को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया तो परिजन हारकर उन्हें अपने घर ले आए थे।

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