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बिना कुछ विचार किए विरोध प्रदर्शन के लिए किसान संगठनों के पीछे आखिर क्यों चल पड़ते हैं पंजाब के युवा? जानें कारण

Kisan Andolan किसानों के दिल्ली कूच में चिंता वाली है यह कि एक बार फिर से पंजाब का युवा फिर विरोध प्रदर्शन की राह पर चल पड़ा है। वे यह सोचे बिना कि कौन सी यूनियन दिल्ली कूच का आह्वान कर रही है उसके पीछे चल दे रहे हैं। पहले की तुलना में मौजूदा दिल्ली कूच में बहुत ही सीमित किसान संगठन हैं।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 14 Feb 2024 12:42 PM (IST)
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Farmers Protest: अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते किसान संगठन।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Farmers Protest News किसानों के दिल्ली कूच (Delhi News) में चिंता वाली है यह कि एक बार फिर से पंजाब का युवा फिर विरोध प्रदर्शन की राह पर चल पड़ा है। वे यह सोचे बिना कि कौन सी यूनियन दिल्ली कूच का आह्वान कर रही है, उसके पीछे चल दे रहे हैं।

पहले की तुलना में दिल्ली कूच में बहुत सीमित किसान संगठन

पहले की तुलना में मौजूदा दिल्ली कूच में बहुत ही सीमित किसान संगठन हैं। दूसरा इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी(MSP Guarantee) को छोड़कर कोई ऐसी मांग भी नहीं है, जिसको लेकर सभी किसान संगठन एकजुट हों।

पिछली बार संगठनों ने तीन कृषि सुधार कानूनों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया था कि मानो यह किसानों के जीने-मरने का सवाल है।

कृषि विशेषज्ञ डा. बलविंदर सिंह ने कही ये बात

कृषि विशेषज्ञ डा. बलविंदर सिंह सिद्धू पिछली बार किसान संगठनों और भारत सरकार के अधिकारियों के बीच होने वाली बैठकों का हिस्सा थे। उनका कहना है कि जो भी किसान नेता एमएसपी, किसानों के कर्ज, फसलों की खरीद की गारंटी जैसी बातें करता है।

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पंजाब में 12 हजार गांव

युवा और परेशान किसान उसी की ओर हो जाते हैं। यही नहीं, वे अपने घरों से पैसा भी देते हैं और राशन भी, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ता है। पंजाब(Punjab News) में 12 हजार गांव हैं। अगर आंदोलनों के लिए हर घर से 100 रुपये भी इकट्ठे हों तो यह राशि करोड़ों रुपये में पहुंच जाती है।

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