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    महाराष्ट्र से आए मराठा परिवार ने 21 साल पहले शुरू किया गणेश उत्सव, आज घर-घर में होती है धूम

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 03:28 PM (IST)

    बहादुरगढ़ में इस बार गणेश उत्सव की धूम रहेगी जहां 70 से ज़्यादा पंडाल सजेंगे। 27 अगस्त से शुरू होने वाले इस उत्सव में भगवान गणेश की 74 फीट ऊंची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी जिसे देश की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति माना जाता है। मराठा समुदाय ने इस उत्सव को 21 साल पहले शुरू किया था और अब यह पूरे शहर में धूमधाम से मनाया जाता है।

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    गणेश चतुर्थी के लिए बहादुरगढ़ में सजे पंडाल। जागरण

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में गणपति उत्सव की इस बार भी धूम रहेगी। बुधवार 27 अगस्त को चतुर्थी के साथ यह उत्सव शुरू होगा। इस बार लोगों पर भक्ति का रंग और भी ज्यादा गहरा चढ़ा है।

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    नतीजतन इस बार भी शहर और गांवाें को मिलाकर 70 से ज्यादा पंडाल सजाए जाएंगे। यहां भगवान गणेश की भक्ति एक छोटे से आयोजन से ही अपार रूप ले गई।

    महाराष्ट्र से आए एक मराठा परिवार ने 21 साल पहले छोटा सा पंडाल लगा यह उत्सव मनाना शुरू किया तो हर किसी के मन में भगवान गणेश बसते चले गए।

    74 फीट ऊंची प्रतिमा के रूप में भी गणपति बहादुरगढ़ में ही विराजे हैं। यह देश की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है।

    बहादुरगढ़ में बसे हैं 25 से ज्यादा मराठा परिवार

    वैसे तो बहादुरगढ़ का गांव कसार भी मराठों ने ही बसाया था, लेकिन अगर शहर की बात करें तो करीब ढाई दशक पहले महाराष्ट्र के सांगली जिले के गांव नेलकंरजी के रहने वाले रविकांत भौसले कामकाज की तलाश में यहां आए थे।

    वे शहर के मजीद मुहल्ला में रहते हैं। उनके बाद यहां पर और परिवार भी आ बसे। संख्या 25 से ज्यादा पहुंच गई। रविकांत भौसले व अन्य ने ही मेन बाजार में छोटे से आयोजन से गणेश उत्सव की शुरूआत की थी।

    अब जगह-जगह आयोजन विशाल रूप ले रहे हैं। अकेले किला मुहल्ला में ही गणेश उत्सव के दाे बड़े पंडाल सजते हैं। शहर में बड़े पंडाल की संख्या लगभग 20 होती है। बाकी छोटे होते हैं। अग्रवाल कालोनी और लाइनपार में भी कई पंडाल सजते हैं।

    6 सितंबर तक चलेगा गणेश उत्सव

    बहादुरगढ़ में गणेश महोत्सव 27 अगस्त से 6 सितंबर तक मनाया जाएगा। बहादुरगढ़ के सबसे पुराने पंडाल बालक हितैषी सेवा समिति के प्रचार मंत्री रविकांत भोसले ने बताया की श्रीगणेश जी की मूर्ति बुधवार को नगर परिक्रमा के बाद गणपति चौक पुरानी सब्जी मंडी में स्थापित की जाएगी।

    31 अगस्त को भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 6 सितंबर को झांकी के बाद विसर्जन हरिद्वार में किया जाएगा। मूर्ति राजस्थान के कारीगर मिट्टी से बना रहे हैं और इको फ्रेंडली कलर प्रयोग कर रहे हैं।

    पंडाल सजाने के लिए पानीपत से बंगाली कारीगर आएंगे, जो पंडाल को वाटर प्रूफ बनाएंगे। रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस बार की थीम ऊर्जा बचाओ होगी।

    पंडाल में बहुत कम लाइट का प्रयोग होगा और रोज आरती के बाद ऊर्जा बचाओ, पर्यावरण बचाओ पर संदेश देकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। समिति प्रधान ने बताया कि बालक हितैषी सेवा समिति की स्थापना 1976 में वेदप्रकाश गुप्ता कपडे़ वाले के पुत्र रजनीश गुप्ता और दिनेश गुप्ता पालीवाल ने की थी।

    2004 से गणेश महोत्सव की शुरूवात विधिवत रूप से योगेंद्र राठी के साथ मिलकर की गई। इस बार कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रोहित सैनी, सचिन सैनी, जोनी, नीरज शयोराण, अंकित शर्मा, नितिन शर्मा, लोकेश जांगड़ा, विशाल, अमन सैनी, अंकित रोहिल्ला, गौरव सैनी, कुलदीप, मोनू शर्मा, अन्नु वालिया, मंयक जैन, योगेश सैनी आदि जुटे हैं।

    बहादुरगढ़ में स्थापित हैं गणपति धाम

    दिल्ली-रोहतक रोड पर ओमेक्स अपार्टमेंट के सामने यहां गणपति धाम स्थित है। यहीं पर गणपति की 74 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। बुधवार को यहां हजारों लोग पहुंचेंगे। पूजा-अर्चना व भंडारा होगा। भोग लगाया गया। गणपति धाम के चेयरमैन अशोक गुप्ता ने बताया कि वर्ष 1997 में धाम का काम शुरू हुआ था। 2016 में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।