Farmers Protest: किसानों का दिल्ली कूच: टीकरी बार्डर के नजदीक जुटाए जा रहे बड़े बेरिकेड व कंटेनर; सुरक्षाबल तैनात
Bahadurgarh Farmers Protest किसानों द्वारा दिल्ली कूच करने वाली बात को लेकर हरियाणा पुलिस प्रशासन की तैयारियां अधिक हो गई है। टीकरी बार्डर के नजदीक बेरियर और कंटेनर लगाए गए हैं। वहीं झज्जर पुलिस रोहतक जिले की सीमा से लेकर बहादुरगढ़ तक सुरक्षा को लेकर बैरियर बनाने वाली है। वहीं बहादुरगढ़ के सेक्टर नौ के पास बड़े जर्सी बैरियर लगाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़।Farmers Protest: किसानों के दिल्ली कूच के एलान (Farmers March to Delhi) के चलते पुलिस-प्रशासन की तैयारियां दिन-प्रतिदिन तेज हो रही हैं। टीकरी बार्डर के नजदीक बड़े-बड़े बेरियर और कंटेनर जुटाए जा रहे हैं। झज्जर पुलिस की ओर से रोहतक जिले की सीमा से लेकर बहादुरगढ़ के सेक्टर-नौ मोड़ तक तीन जगहों पर सुरक्षा लेकर बनाए जाने की संभावना है।
इसी के चलते शुक्रवार को सेक्टर-नौ मोड़ के पास बड़े जर्सी बैरियर लगाए गए। इन्हें बाईपास के मुहाने पर रखा गया है। जबकि यहां से करीब 200 मीटर आगे मेट्रो स्टेशन के पास कंटेनर रखे गए हैं।
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पुलिस की तैयारियां तेज
इस बीच बहादुरगढ़ के किसान नेताओं की इस दिल्ली कूच को लेकर अलग-अलग राय है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की ओर से इसे कुछ संगठनों का आंंदोलन ठहराया जा चुका है। वहीं भूमि से जुड़े मसलों समेत किसानों की कई मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि दिल्ली कूच की काल देने वाले संगठन अगर उनके पास प्रस्ताव भेजते हैं तो समर्थन पर विचार किया जाएगा। बता दें कि किसानों की 13 फरवरी को दिल्ली कूच की काल के चलते पुलिस की तैयारियां तेज हो रही हैंं। हरियाणा पुलिस के आला अधिकारी पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।दिल्ली कूच हुआ तो टीकरी बार्डर पर होंगे मजबूत इंतजाम
पिछली बार आंदोलन के दौरान झज्जर पुलिस की ओर से दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे-नौ पर रोहद टोल के पास बड़ी व्यवस्था की थी। इस बेरियर को तोड़कर आगे बढ़ने में किसानों को कई घंटे लग गए थे। इसके बाद पुलिस ने बहादुरगढ़ के सेक्टर-नौ मोड़ पर भी किसानों को रोकने के लिए व्यवस्था की थी, मगर यहां से भी किसान आगे बढ़ गए थे। वहीं टीकरी बार्डर पर दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात थे। यहां से किसानों को आगे बढ़ने से रोका गया। कुछ किसान निकल गए थे। बाकी को यहां रोक लिया गया था। इसके बाद सरकार ने किसानों को दिल्ली आने की इजाजत भी दे दी थी, मगर किसानों ने यहीं पर धरना शुरू कर दिया था। बाद में यह धरना एक साल से ज्यादा समय तक चला था। बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर से लेकर 15 किलोमीटर तक किसानों के तंबू लगे रहे थे। ऐसे में दिल्ली कूच की स्थिति में किसानों को रोकने के लिए इस बार और भी तगड़े इंतजाम हो सकते हैं।
उद्यमी से लेकर आमजन तक एक ही पुकार, टल जाए किसानों का कूच
पिछले आंदोलन के कारण जो नुकसान हुआ, परेशानियां और समस्याओं का सामना करना पड़ा, उसको देखते हुए उद्यमियों से लेकर आमजन तक एक ही पुकार है कि किसानों का यह दिल्ली कूच टल जाए। अभी 13 फरवरी में तीन दिन शेष हैं। हो सकता है किसानों व सरकार में बातचीत के दौरान सहमति बन जाए। ऐसा हुआ तो राहत मिल सकती है, लेकिन किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया तो फिर परेशानी आ सकती है। इसी के चलते टीकरी बार्डर पर पुलिस तो तैनात नही की गई है लेकिन व्यवस्थाओं की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। बार्डर पर नाकेबंदी से लेकर डिवाइडर तक दुरुस्त किए जा रहे हैं। लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। सीसीटीवी भी कुछ दिन पहले ही यहां के ठीक करवाए गए हैं।पिछले किसान आंदोलन से टिकरी बॉर्डर पर लगे जर्सी बेरियर
कुछ जर्सी बेरियर तो पिछले आंदोलन के बाद से ही टिकरी बॉर्डर से उठाए ही नहीं गए। अब और लाए जा रहे हैं। एक तरफ दिल्ली पुलिस तैयारी कर रही है और इधर हरियाणा पुलिस ने कमर कस रखी है। पिछले चार दिन में झज्जर के एसपी दो बार टीकरी बार्डर और सेक्टर-नौ मोड़ का दौरा कर चुके हैं। व्यवस्था कैसी होगी इस पर अधिकारियों की ओर से एक ही बात कही जा रही है कि अगर दिल्ली कूच होता है तो दूसरे जिलों की स्थिति के अनुरूप यहां पर इंतजाम होंगे।
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