भूमि अधिग्रहण मामला: किसान नहीं रोकेंगे सड़क व रेलमार्ग, तीन हफ्तों में मिलेगा मुआवजा; KMP पर जारी रहेगा धरना
Haryana Land Acquisition Case किसानों की ओर से जहां-जहां रेल व सड़क मार्ग जाम किए जाने की संभावना थी उन स्थानों पर पुलिस की ओर से तैनाती की गई थी। पंचायत के बीच कमेटी बनी। इस कमेटी की ओर से भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल के नेतृत्व में मंथन किया गया। फिर जिला प्रशासन को एक घंटे का समय दिया गया।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 27 Jun 2023 04:10 PM (IST)
बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। किसानों ने रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली का पानी, सड़क व रेलमार्ग रोकने का ऐलान किया था। एक तरफ किसानों ने महापंचायत की और दूसरी तरफ भारी पुलिस बल की तैनाती रही। चार घंटे तक पंचायत, बातचीत, कमेटी गठन का दौर चला। आखिर में झज्जर के डीसी ने पहुंचकर किसानों को आश्वासन दिया कि तीन सप्ताह में उनको बढ़ा हुआ मुआवजा जारी किया जाएगा।
वहीं समगोत्र विवाह पर पाबंदी का कानून बनाने को एक सप्ताह में मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया। ऐसे में किसानों ने रेल रोकने का फैसला फिलहाल टाल दिया। हालांकि, किसानों ने केएमपी पर चल रहे धरने को जारी रखने का ऐलान किया है। किसानों की अभी भी कई और मांग हैं।
एक हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे
दरअसल, रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा समेत कई मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों की ओर से मंगलवार को दिल्ली का पानी, रेल व सड़क मार्ग रोकने का ऐलान किया गया था। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद रहा। आसौदा गांव में महापंचायत बुलाई गई थी। इसके चारों तरफ रेलमार्ग व सड़क के आसपास झज्जर पुलिस, रेलवे पुलिस और आरपीएफ के मिलाकर एक हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे।झज्जर के डीसी किसानों के बीच पहुंचे
किसानों की ओर से जहां-जहां रेल व सड़क मार्ग जाम किए जाने की संभावना थी, उन स्थानों पर पुलिस की ओर से तैनाती की गई थी। पंचायत के बीच कमेटी बनी। इस कमेटी की ओर से भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल के नेतृत्व में मंथन किया गया। फिर जिला प्रशासन को एक घंटे का समय दिया गया। इस बीच झज्जर के डीसी कैप्टन शक्ति सिंह पंचायत के बीच पहुंचे।
किसानों को मिला मुआवजे का आश्वासन
किसानों की मांग थी कि उनका मुआवजा बढ़ाकर तो दिया जाए, साथ ही उसमें कोर्ट में जाने का विकल्प भी खुला रखा जाए। इसके अलावा, समगोत्र में विवाह पर कानूनी पाबंदी लगाने की मांग भी पूरी की जाए। इस पर डीसी की ओर से आश्वासन दिया गया कि जो बढ़ा हुआ मुआवजा है वह किसानों की ओर से निवेदन पत्र आने के तीन सप्ताह में ही दे दिया जाएगा। साथ ही समगोत्र विवाह पर पाबंदी की जो मांग है, उसको लेकर सीएम से वार्ता करवाई जाएगी।इस पर किसानों ने रेल रोकने का फैसला टाल दिया। हालांकि, यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई वादा खिलाफी की गई तो रेल रोकने का फैसला फिर लिया जाएगा। बता दें कि सीएम से किसानों की वार्ता 22 जून को हुई थी, लेकिन वह बेनतीजा रही थी। अब फिर से वार्ता का आश्वासन मिला है।
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