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Bahadurgarh News: रेलवे स्टेशन का 25 करोड़ में होगा नवीनीकरण, 40 करोड़ से बने अंडरपास की नहीं ली जा रही सुध

Bahadurgarh News हरियाणा के बहादुरगढ़ में रेलवे स्‍टेशन का 25 करोड़ में नवीनीकरण क‍िया जा रहा है। मगर अहम बात यह है कि स्टेशन पर लगभग 40 करोड़ से बने अंडरपास की सुध नहीं ली जा रही है। यह कुछ समय में ही बदहाल हो चुका है। इसकी हालत देखकर लोगों को अब स्टेशन पर 25 करोड़ से होने वाला सुधार भी बेमानी ही लग रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sun, 20 Aug 2023 05:38 PM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2023 05:38 PM (IST)
रेलवे स्टेशन का 25 करोड़ में होगा नवीनीकरण, 40 करोड़ से बने अंडरपास की नहीं ली जा रही सुध

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता: शहर के रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण पर पहले चरण में 25 करोड़ खर्च होंगे। इस कार्य का शिलान्यास पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। मगर अहम बात यह है कि स्टेशन पर लगभग 40 करोड़ से बने अंडरपास की सुध नहीं ली जा रही है। यह कुछ समय में ही बदहाल हो चुका है। इसकी हालत देखकर लोगों को अब स्टेशन पर 25 करोड़ से होने वाला सुधार भी बेमानी ही लग रहा है।

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लोगों की मांग पर बना था अंडरपास

लाइनपार में रहने वाली शहर की आधी आबादी को सीधे जोड़ने के लिए 40 करोड़ से बहादुरगढ़ में बना रेलवे अंडरपास दो साल पहले बनकर तैयार हुआ था, लेकिन हर बरसात में इसके अंदर भारी मात्रा में जलजमाव हो जाता है। ऊपर से इसकी छत टपकती है। जगह-जगह से शेड टूट रहा है। इसके कारण बरसात का पानी अंदर ही जमा होता है।

वैसे तो यह अंडरपास निर्माण पूरा होने के समय से ही सवालों के घेरे में है, लेकिन इतने कम समय के अंदर ही इसकी ऐसी हालत हो जाएगी, इसका किसी को अंदाजा भी न था। यही हाल रहा तो कुछ दिन बाद इसमें से आना-जाना ही ठप हो सकता है। बिल्कुल शुरू में तो इसके अंदर इतना पानी जमा हो गया था कि उसमें डूबने से एक राहगीर की मौत भी हो गई थी। उसके बावजूद इसका सुधार नहीं किया गया।

शुरू से ही विवादों में रहा अंडरपास

इस अंडरपास के लिए जब प्लानिंग शुरू हुई, तभी से यह विवादों में रहा। कांग्रेस शासन में इसके लिए कवायद शुरू हुई। फिर जब भाजपा की सरकार आई तो इसके डिजाइन पर तकरार बनी रही। पहले इसे यू सेफ में बनाया जाना प्रस्तावित किया गया। बाद में यह जेड सेफ में हो गया। खैर जब निर्माण शुरू हो गया तो यह बीरबल की खिचड़ी बन गया। अनेकों बार इसकी डेडलाइन मिस हुई।

2017 में सीएम मनोहर लाल ने किया था अंडरपास का शिलान्‍यास

अक्टूबर 2017 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अंडरपास का शिलान्यास किया था। तब इसकी डेडलाइन दिसंबर 2018 थी, लेकिन कई कारणों के चलते काम बंद रहा। कभी लाकडाउन तो कभी एनजीटी के आदेश के कारण इसका निर्माण बंद रहा। वहीं, बीच में पुशिंग तकनीक से रेलवे ट्रैक के नीचे से बाक्स डालने का काम भी देरी से हुआ। अंडरपास के निर्माण में रुकावट बने रेलवे क्वार्टरों को तोड़कर शिफ्ट करने के बाद नए क्वार्टर बने। क्वार्टर बनाने का काम भी साथ-साथ चलाया गया।

अंडरपास वर्ष 2021 में बनकर तैयार हुआ

क्वार्टरों को शिफ्ट करने के बाद यह अंडरपास वर्ष 2021 में बनकर तैयार हुआ था। पहली ही बरसात में इसके अंदर 10 फीट से भी ज्यादा पानी जमा हो गया था। अब हालत यह है कि इसके अंदर बनी सड़क जर्जर हो चुकी है। गड्ढे बन रहे हैं। रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि रेलवे अंडरपास में जो खामियां हैं उनको दूर करने के लिए निर्माण एजेंसी को पत्र लिखा गया है। साथ ही उसका फाइनल भुगतान भी रोका गया है।

इधर, दैनिक रेल यात्री समिति के प्रवक्ता सतपाल हाडा का कहना है कि रेलवे अंडरपास में सुधार के साथ ही रेलवे की ओर से यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि नवीनीकरण का जो काम यहां पर होगा, उसमें पर्याप्त गुणवत्ता हो। दूसरा, यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। तभी स्टेशन के नवीनीकरण का कार्य सार्थक होगा।


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