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दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मिली राहत, बहादुरगढ़ से भी हटी GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां; ये निर्माण कार्य होंगे चालू

Air Pollution in Haryana-Delhi दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से दिन में निकली रही धूप और तेज हवा के कारण प्रदूषण कम हो गया है। वीरवार को प्रदूषण का स्तर 252 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया है। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) के तीसरे चरण की पाबंदियों को हटा दिया गया है। जिससे निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे।

By Jagran News Edited By: Preeti Gupta Updated: Fri, 19 Jan 2024 10:40 AM (IST)
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दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मिली राहत, बहादुरगढ़ से भी हटी GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। Air Pollution in Haryana-Delhi: दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से दिन में निकली रही धूप और तेज हवा के कारण प्रदूषण कम हो गया है।

वीरवार को प्रदूषण का स्तर 252 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया है। ऐसे में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) के तीसरे चरण की पाबंदियों को हटा दिया गया है।

दिल्ली-एनसीआर GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां हटी

आयोग को अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर और सुधार होगा। इसी के चलते तीसरे चरण की पाबंदियां वापस ले ली गई हैं।

ऐसे में अब निर्माण कार्य शुरू हो सकेंगे। गौरतलब है कि गत 14 जनवरी को प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए आयोग ने ग्रेप चरण तीन की पाबंदियां लागू कर दी थीं। इस पर निर्माण कार्यों पर रोक लग गई थी और बीएस तीन डीजल और बीएस चार पेट्रोल से चलने वाली प्राइवेट गाड़ियों के दिल्ली में आवागमन पर रोक लगा दी थी।

पार्किंग शुल्क बढ़ा रहेगा

मगर अब ग्रेप चरण तीन की पाबंदियां हटने से लोगों ने राहत की सांस ली है, हालांकि ग्रेप के पहले और दूसरे चरण की पाबंदियां अब भी लागू रहेंगी। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करने की सलाह आयोग ने दी है। पार्किंग शुल्क भी बढ़ा रहेगा ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें।

चार चरणों में बांटा गया था ग्रैप

दरअसल, ग्रेप को कुल चार चरणों में बांटा गया है। जब हवा की गुणवत्ता खराब (एक्यूआई 201-300) रहती है तब पहला चरण लागू किया जाता है। वहीं जब वायु गुणवत्ता बहुत खराब (एक्यूआई 301-400) के बीच रहती है तो दूसरा चरण लागू किया जाता है। वायु गुणवत्ता के गंभीर और अति गंभीर हो जाने पर तीसरा और चौथा चरण लागू किया जाता है।

तीसरे चरण की ये थी पाबंदियां, इन्हें अब हटा लिया गया

  • स्टोन क्रशरों का संचालन बंद
  • एनसीआर में सभी खनन और संबंधित गतिविधियों को बंद
  • दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध जिले में बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल एलएमवीएस (चार पहिया वाहन) वाहनों के संचालन पर रोक।
  • बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खोदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
  • फेब्रिकेशन और वेल्डिंग संचालन सहित सभी संरचनात्मक निर्माण कार्य।
  • तोड़फोड़ का काम
  • अंदर या बाहर कहीं भी निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग
  • कच्चे माल का मैन्युअल रूप से या कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से स्थानांतरण, जिसमें फ्लाई ऐश भी शामिल है।
  • कच्ची सड़कों पर वाहनों की आवाजाही।
  • बैचिंग प्लांट का संचालन
  • ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, वाटरलाइन, ड्रेनेज कार्य एवं विद्युत केबल बिछाना।
  • टाइल्स, पत्थरों और अन्य फर्श सामग्री को काटना और ठीक करना।
  •  पीसने की गतिविधियां
  • वाटर प्रूफिंग कार्य
  • पेंटिंग, पालिशिंग और वार्निशिंग कार्य आदि।
  • सड़क निर्माण/मरम्मत कार्य जिसमें फुटपाथ/रास्ते और सेंट्रल वर्ज आदि को पक्का करना शामिल है।

ग्रेप के दूसरे चरण की ये पाबंदियां और सुझाव अब भी लागू

  • चिन्हित सड़कों की दैनिक आधार पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव करें।
  • विशेष रूप से हाट स्पाट, भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क की धूल को रोकने के लिए और निर्दिष्ट स्थलों पर एकत्रित धूल के उचित निपटान के लिए सड़कों पर धूल अवरोधकों (कम से कम हर दूसरे दिन, गैर-पीक घंटों के दौरान) के उपयोग के साथ-साथ पानी का छिड़काव सुनिश्चित करें।
  • सीएंडडी साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निरीक्षण तेज करें।
  • एनसीआर में सभी चिन्हित हाट स्पाट में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रित और लक्षित कार्रवाई सुनिश्चित करें। ऐसे प्रत्येक हाट स्पाट में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता में योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों के लिए उपचारात्मक उपाय तेज करें।
  • वैकल्पिक बिजली उत्पादन सेट/उपकरण (डीजी सेट आदि) के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें।
  • सभी जगह डीजी सेट के विनियमित संचालन के लिए शेड्यूल को सख्ती से लागू करें
  • यातायात संचालन को समकालिक करें और यातायात के सुचारू प्रवाह के लिए चौराहों/यातायात भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात करें।
  • लोगों को वायु प्रदूषण के स्तर और प्रदूषणकारी गतिविधियों को कम करने के लिए क्या करें और क्या न करें की मुनादी करवाई जाए
  • निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाएं।
  • अतिरिक्त बेड़ा शामिल करके और सेवा की आवृत्ति बढ़ाकर सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाना।
  • सर्दियों के दौरान खुले में बायोमास और एमएसडब्ल्यू जलाने से बचने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सुरक्षा कर्मचारियों को आवश्यक रूप से इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएंगे।
  • होटल-रेस्टोरेंट के तंदूर में कोयले और लकड़ी जलाने पर पाबंदी
  • निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई

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ये सिटीजन चार्टर लागू रहेगा

  • लोग अपनी गाड़ियों को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करें।
  • तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जाम वाली जगह के बदले दूसरे रास्ते से सफर करें।
  • अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर समय-समय पर बदलवाएं।
  • खुले में कूड़े को आग न जलाएं।

बहादुरगढ़ में प्रदूषण की स्थिति अब ठीक है। ऐसे में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां हटा ली गई हैं।-अमित दहिया, सहायक पर्यावरण अभियंता, एचएसपीसीबी, बहादुरगढ़।

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