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पटरी से उतरी रेलवे की स्वच्छता ट्रेन

स्व'छता को लेकर हर साल पखवाड़ा मनाने वाले रेलवे में इन दिनों साफ-सफाई की व्यवस्था ही बिगड़ी हुई है। रेल गाड़ियों से लेकर स्टेशन तक पर स्व'छता के लिए यात्रियों से तो रेलवे अपेक्षाएं रखता है, मगर उसकी खुद की स्व'छता ट्रेन पटरी से उतरी हुई है। इसका प्रमाण बहादुरगढ़ में देखा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 01:03 AM (IST)
पटरी से उतरी रेलवे की स्वच्छता ट्रेन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

स्वच्छता को लेकर हर साल पखवाड़ा मनाने वाले रेलवे में इन दिनों साफ-सफाई की व्यवस्था ही बिगड़ी हुई है। रेल गाड़ियों से लेकर स्टेशन तक पर स्वच्छता के लिए यात्रियों से तो रेलवे अपेक्षाएं रखता है, मगर उसकी खुद की स्वच्छता ट्रेन पटरी से उतरी हुई है। इसका प्रमाण बहादुरगढ़ में देखा जा सकता है। यहा पर पाच महीने से सफाई का टेंडर ही लटका पड़ा है, तो डेढ़ साल पहले बने शौचालयों पर आज भी ताला जड़ा हुआ है।

गनीमत तो यह है कि स्थानीय अधिकारी आसपास के स्टेशनों से सफाई कर्मी लेकर किसी तरह काम चला रहे है, लेकिन सफाई की जो दरकार है, वह पूरी नही हो रही। इन हालातों से आजिज आकर दैनिक यात्री संघ ने भी रेल मंत्री को ट्वीटर पर शिकायत की है।

इन दिनों स्वच्छता का मसला हर जगह गंभीर है। शासन से लेकर प्रशासन और वीआइपी से लेकर आम आदमी तक हर कोई स्वच्छता के लिए कोशिश में जुटे हैं। यूं तो रेलवे भी हर साल विशेष पखवाड़ा मनाता है, मगर नियमित सफाई व्यवस्था को लेकर अनदेखी की जा रही है। बहादुरगढ़ के रेलवे स्टेशन पर जिस व्यवस्था के जरिये साफ-सफाई रखी जाती है, उसी व्यवस्था को रेलवे ने राम हवाले छोड़ा हुआ है। इससे यहा के यात्री निराश है। पाच महीने से नहीं हो रहा सफाई टेडर : शहर के रेलवे स्टेशन पर सफाई के लिए हर साल टेडर जारी किया जाता है, ताकि यहा पर साफ-सफाई में कमी न रहे। मगर अब पाच महीने से यह टेडर लटका पड़ा है। अबकी बार टेंडर जारी करने में लगातार देरी की जा रही है। इससे स्टेशन पर सफाई रखना चुनौती बना हुआ है। यह तो स्थानीय अधिकारी आसपास के स्टेशनों से सफाई कर्मी लेकर किसी तरह काम चला रहे है, मगर इसका परिणाम वैसा नहीं आ रहा जैसा होना चाहिए। अधिकारी भी मान रहे है जो काम टेंडर जारी होने के बाद होता है, वह बिना टेडर किए तो मुमकिन नही हो सकता। अब तो काम ही चलाया जा रहा है। ऐसा न हो, तो स्टेशन पर कूड़े के ही ढेर लग जाएं। यह स्थिति यात्रियों को भी निराश कर रही है। डेढ़ साल से शौचालयों पर लटका है ताला शहर के रेलवे स्टेशन पर डेढ़ साल पहले नए शौचालयों का निर्माण कराया गया था। पुरुष और महिला के साथ-साथ दिव्यागों के लिए भी अलग से शौचालय बनाया गया। मगर, इन पर आज तक ताला लटका हुआ है। बताया जा रहा है कि इन शौचालयों को चलाने के लिए भी टेडर जारी किया जाना है, वह भी आज तक नही हो पाया है। दोनों टेडरों की प्रक्रिया रेलवे डिवीजन मुख्यालय से ही होनी है, मगर इस पर कोई हलचल नहीं दिख रही। यात्रियों ने भेजी शिकायत

दैनिक यात्री समिति ने नए शौचालयों पर लटके ताले को लेकर ट्विटर पर फोटो के साथ रेल मंत्री को शिकायत की है। यात्री समिति के प्रवक्ता सतपाल हाडा का कहना है कि इन शौचालयों का ताला यदि नहीं खोला गया तो ये बिना इस्तेमाल किए ही जर्जर हो जाएंगे। इसके लिए जल्द व्यवस्था बनानी चाहिए। वर्जन..

सफाई और शौचालयों की व्यवस्था से जुड़ा टेंडर मुख्यालय से ही होना है। इस बारे में पत्र लिखा गया है। टेडर न होने के बावजूद स्टेशन पर सफाई करवाई जा रही है।

--यशपाल सिंह, स्टेशन अधीक्षक, बहादुरगढ़।


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