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अबोव रेट के टेंडरों में था भारी गोलमाल, फिजिबलिटी जांच में सिर्फ 11 काम ही खरे उतरे, 30 से ज्यादा टेंडर रद

नगर परिषद के अबोव रेट के 45 टेंडरों में बड़े स्तर पर गोलमाल किया गया था। दैनिक जागरण ने जब गत तीन मई को चकाचक गलियों को सीसी करने के नाम पर घोटाले की तैयारी नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की तो तत्कालीन जिला नगर आयुक्त प्रदीप कौशिक ने सभी टेंडरों की फिजिबलिटी जांच के आदेश दिए थे।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 06 Jul 2022 12:15 AM (IST)
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अबोव रेट के टेंडरों में था भारी गोलमाल, फिजिबलिटी जांच में सिर्फ 11 काम ही खरे उतरे, 30 से ज्यादा टेंडर रद

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: नगर परिषद के अबोव रेट के 45 टेंडरों में बड़े स्तर पर गोलमाल किया गया था। दैनिक जागरण ने जब गत तीन मई को चकाचक गलियों को सीसी करने के नाम पर घोटाले की तैयारी नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की तो तत्कालीन जिला नगर आयुक्त प्रदीप कौशिक ने सभी टेंडरों की फिजिबलिटी जांच के आदेश दिए थे।

करीब नौ करोड़ की लागत के इन विकास कार्यो के टेंडरों की फिजिबलिटी जांच एसडीएम बहादुरगढ़ भूपेंद्र सिंह व लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता ने की तो बड़ा खुलासा हुआ। 45 में से मात्र 11 काम ही ऐसे मिले, जो फिजिबलिटी जांच में खरे पाए गए। यानि हर चौथा काम ही मौके पर कराने लायक मिला। ऐसे में मौके पर चकाचक कामों के टेंडर लगाकर करोड़ों के गोलमाल की तैयारी नगर परिषद के अधिकारियों ने कर रखी थी। जांच में जो काम ठीक पाए गए उनकी स्वीकृति रिपोर्ट के आधार पर दे दी गई और 30 से ज्यादा काम ऐसे मिले जो मौके पर कराने लायक ही नहीं थे और ठीक-ठाक थे, उन्हें रद कर दिया गया। इनमें सीसी की चकाचक गलियों पर मेस्टिक परत बिछाने वाले काम भी शामिल थे। जिन कार्यो को स्वीकृति दी गई थी, वे सभी निकाय चुनाव से पहले ही शुरू करवा दिए गए थे। काम तो रद किए लेकिन अबोव रेट में टेंडर आवंटन की तैयारी कर चुके अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं

नगर परिषद के टेंडरों में गोलमाल को लेकर मामला उजागर हुआ और फिजिबलिटी जांच में यह गोलमाल सामने आ गया तो प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने इस मामले में सिर्फ टेंडर रद कर इतीश्री कर ली। इन टेंडरों के एस्टीमेट बनाने वाले, टेंडर खोलने वाले और उन्हें अबोव रेट पर देने की पूरी-पूरी तैयारी करने वाले अधिकारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बारे में जिला नगर आयुक्त रविद्र तो बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं। उनसे जब भी बात होती है तो वे व्यस्त होने की बात कहते हैं। इन टेंडरों को लेकर बात शुरू हुई तो मंगलवार को उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वे व्यस्त हैं। रद टेंडरों की सूची नगर परिषद बहादुरगढ़ से मिल जाएगी। विभाग के निदेशक दरबार में पहुंचा था मामला

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक के दरबार में भी यह मामला पहुंचा था। मीडिया में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए निदेशक ने इस मामले की जांच के आदेश अंबाला सिटी नगर निगम के मुख्य अभियंता को सौंपी थी। मगर चुनाव होने की वजह से यह जांच शुरू नहीं हो सकी थी। अब चुनाव खत्म हो चुके हैं। ऐसे में कभी भी इस मामले की जांच शुरू हो सकती है या फिर जिला नगर आयुक्त की ओर से ही टेंडर रद किए जाने की सूचना को आधार मानकर इसे फाइल भी किया जा सकता है। निरीक्षण में सामने आया था पूरा खेल

निरीक्षण में टेंडरों के एस्टीमेट का सामने आया था पूरा खेल, एक जैसे कामों के नेगोसिएशन के बाद भी मिला था अबोव रेट में भारी अंतर: तत्कालीन जिला नगर आयुक्त के आदेश पर गत 13 मई को लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र सिंहमार ने जब मौके का निरीक्षण किया था तो संबंधित विकास कार्याें के एस्टीमेट का खेल सामने आया था। मौके पर गलियों की पैमाइश कम थी और कागजों में ज्यादा दिखाई गई थी। एक ही गली के दो व तीन-तीन एस्टीमेट बनाए गए थे। सीसी व मेस्टिक के एक जैसे कामों के नेगोसिएशन के बाद भी अबोव रेट में भारी अंतर था। नगर परिषद बहादुरगढ़ के अबोव रेट के टेंडरों की फिजिबलिटी जांच जिला नगर आयुक्त के आदेश पर गठित कमेटी ने की थी। मेरे संज्ञान में यह मामला था। रिपोर्ट आई तो सिर्फ 11 टेंडर ही फिजिबलिटी जांच में खरे पाए गए थे। उनकी स्वीकृति दे दी थी। शेष काम रद कर दिए गए थे।

कैप्टन शक्ति सिंह, उपायुक्त, झज्जर।

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