Bhiwani News: वातावरण में हवा का स्तर हुआ खराब, एक्यूआई 400 के पार; आंखों में जलन और सांस संबंधी दिक्कतों का लोग कर रहे सामना
वातावरण में प्रदूषण का स्तर बीते 10 दिनों में काफी तेजी से बढ़ा हुआ है। यहां पर एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है जिस कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। लोग अस्पतालों में आंखों की जलन के साथ सांस संबंधी दिक्कतों का भी सामना कर रहे हैं। वहीं चिकित्सकों ने धूल भरे स्थानों पर जाने से परहेज करने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, भिवानी। जिले में पिछले 10 दिनों से वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। एक्यूआई का स्तर 400 पार है, जिसके कारण लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। अधिकतर लोगों की आंखों में जलन, बार-बार पानी आना, आंखों लाल होने जैसी दिक्कतें सामने आ रही है। वहीं, सांस के रोगियों के लिए तो प्रदूषण आफत बन रहा है।
जिले के सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी नेत्र, त्वचा और फिजिशियन की ओपीडी में मरीजों की भरमार है। बच्चों और बुजुर्गों के साथ चिकित्सकों युवाओं को भी धूल वाली जगह पर जाने से बचाव का परामर्श दे रहे हैं।
शहर में जल रहा कचरा प्रदूषण में अधिक बढ़ोतरी कर रहा है, जिस पर नगर परिषद और प्रशासन कोई रोक नहीं लगा पा रहा है। आए दिन कहीं न कहीं कचरे में आग लगाए जाने के मामले सामने आ रहे है। टूटी हुई सड़कों पर दिनभर धूल उड़ती रहती है, जिसके कारण यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। सर्कुलर रोड पर फुटपाथ के दोनों तरफ मिट्टी जमा है।
बीते 10 दिनों में ये रहा एक्यूआई
25 नवंबर- 416
24 नवंबर- 416
23 नवंबर- 415
22 नवंबर- 410
21 नवंबर- 410
20 नवंबर- 416
19 नवंबर- 415
18 नवंबर- 418
17 नवंबर- 423
16 नवंबर- 421
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प्रदूषण का स्तर प्रभाव
0 से 50 एक्यूआई : अच्छा
51 से 100 एक्यूआई : संतोषजनक, सिर्फ संवेदनशील लोगों को ही सांस लेने में तकलीफ का खतरा।
101 से 200 एक्यूआई : मध्यम, फेफड़ों, अस्थमा, हृदय रोगों का खतरा, सांस लेने में तकलीफ।
201 से 300 एक्यूआई : खराब, ज्यादा समय रहने पर सांस लेने में तकलीफ, मरीजों को खतरा।
301 से 400 एक्यूआई : बहुत खराब, लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारियों का खतरा।
400 से 500 एक्यूआई : गंभीर, स्वस्थ लोगों को भी बीमार बना सकता है और बीमार के लिए घातक है।
धूल वाले स्थान पर जाने से बचें, प्राणायाम करें: चिकित्सक
सामान्य अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. यतिन गुप्ता ने बताया कि लगातार बढ़ रहा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है, इससे बचाव ही सबसे अच्छा उपचार है। ऐसे में धूल वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। बच्चे, बुजुर्ग और सांस के मरीज शाम के समय घर से बाहर न निकलें, जिससे प्रदूषण से बचाव हो सकें। अगर स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी है तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। समय पर उपचार होने से जल्दी स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। समय निकालकर व्यायाम और प्राणायाम अवश्य करें, इससे सांस की दिक्कत नहीं होगी।
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