Bhiwani News : व्यापम घोटाले के आरोपी ने कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलवाने के नाम पर की लाखों रुपये धोखाधड़ी, एक पेशे से वकील
मध्य प्रदेश में वर्ष 2013 में हुए व्यापम घोटाले (vyapam scam) के नामजद आरोपित मुकेश ने अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलवाने के नाम पर एक पूर्व सैनिक के साथ धोखाधड़ी किया है। दोनों के खिलाफ हरियाणा मध्य प्रदेश और दिल्ली में धोखाधड़ी (Fraud Case) सहित अन्य धाराओं के तहत कई केस दर्ज हैं।
नवनीत शर्मा, भिवानी। (Bhiwani Vyapam Case) मध्य प्रदेश में वर्ष 2013 में हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले (vyapam scam) के नामजद आरोपित मुकेश ने अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी का काम शुरू कर दिया। दोनों के खिलाफ हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली में धोखाधड़ी (Fraud Case) सहित अन्य धाराओं के तहत चार-चार केस दर्ज है।
जिन्होंने जिले के गांव निनान निवासी पूर्व सैनिक से भी बीयर कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलवाने के नाम पर 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। साइबर अपराध पुलिस थाना की टीम ने दोनों आरोपितों (Crime News) को गिरफ्तार किया और उनसे चार दिन रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की। मुख्य आरोपित अंकित से नकदी भी बरामद की। दोनों को पूछताछ के बाद जेल में भेज दिया।
चरखी दादरी के गांव बेराला निवासी करीब 30 वर्षीय मुकेश ने एलएलबी की पढ़ाई की हुई है। आपराधिक केस दर्ज होने के कारण वह अपना बार काउंसिल आफ इंडिया में पंजीकरण नहीं करवा सका। मध्य प्रदेश में वर्ष 2013 में हुए व्यापम घोटाले में मुकेश नामजद आरोपित है।
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उस पर मध्य प्रदेश में ही तीन केस दर्ज है और भिवानी साइबर अपराध थाना में यह चौथा केस दर्ज हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल के तुलसी नगर निवासी करीब 28 वर्षीय अंकित शर्मा पुत्र उत्तम शर्मा ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई की हुई है। अंकित ने 2020 में अपराध शुरू किया और उस पर कुल चार केस दर्ज है।
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अंकित पर चरखी दादरी में 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी, दिल्ली के कनाट प्लेस के साइबर अपराध पुलिस थाना, भोपाल और भिवानी के साइबर अपराध पुलिस थाना में केस दर्ज है। मुकेश भोपाल की जेल में बंद था, जहां उसकी दोस्ती अंकित से हुई और दोनों से धोखाधड़ी का काम शुरू किया।
केस दर्ज होने पर खाते में डाल दिए साढ़े 14 लाख रुपये
आरोपितों को भिवानी के साइबर अपराध पुलिस थाना में केस दर्ज होने की सूचना मिलती तो उन्होंने पूर्व सैनिक के बैंक खाते में साढ़े 14 लाख रुपये ट्रांसफर भी कर दिए थे, ताकि किसी को यह शक न हो की वे धोखाधड़ी कर रहे है। पुलिस ने अंकित को 26 अक्टूबर को भोपाल व मुकेश को 27 अक्टूबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया। अंकित के पास से तीन लाख 10 हजार रुपये, दो मोबाइल और मुकेश के पास से एक मोबाइल बरामद किया है।
धोखाधड़ी किए रुपये से चलाते थे कंफेंसरी की दुकान
आरोपित मुकेश और अंकित दोनों की दोस्ती काफी गहरी हो गई। इसके बाद वे धोखाधड़ी करके लोगों से रुपये ऐंठते थे और वे मध्य प्रदेश में ही अपनी कन्फैक्शनरी की दुकान चलाते थे, ताकि किसी को उन पर शक न हो। वे शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट, मिल्क व बीयर कंपनी की फ्रंचाईजी और जमीन में इन्वेस्टमेंट के नाम धोखाधड़ी करते थे।
मुकेश करता था ग्राहक से डील
मुकेश का काम ग्राहक से डील करना था, जबकि अंकित सिर्फ फोन पर ही कंपनी का अधिकारी बनकर बातचीत करता था। वे किसी को भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने जाल में फंसाते थे। जब ग्राहक कंपनी की फ्रंचाईजी लेने के लिए तैयार हो जाता था तो मुकेश उसे डील के लिए दस्तावेज, बिल सहित अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध करवाता था। इसके बाद वह अंकित से फोन पर बातचीत करवाता था और रुपये बैंक खाते में डालवा कर फरार हो जाते थे।
आरोपित मुकेश और अंकित दोनों की भोपाल जेल में दोस्ती हुई थी, जोकि फर्जी फ्रंचाईजी व इन्वेस्टमेंट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। दोनों पर चार-चार केस दर्ज है। चार दिन के रिमांड के दौरान गहनता से पूछताछ कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। आमजन से अपील है कि फ्रंचाईजी व इन्वेस्टमेंट के नाम हो रहे फ्राड से बचें। आनलाइन रुपये संबंधित धोखाधड़ी होने पर 1930 पर काल करें, ताकि रुपये होल्ड हो सकें।-उप निरीक्षक विकास कुमार, प्रबंधक, साइबर अपराध पुलिस थाना।