Haryana News: बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, 6 हजार क्विंटल कपास बारिश में भीगी, सरकार से लगाई गुहार
हरियाणा में बारिश के मौसम ने जहां आम जन को प्रदूषण से राहत दी है वहीं किसानों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। दिनभर रुक रुक कर हुई बारिश के कारण किसानों की 6 हजार क्विंटल कपास भीग गई। किसानों का कहना है कि इस साल वैसे भी कपास कम हुई है और मौसम की मार के कारण किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।
जागरण संवाददाता, भिवानी। लोग सुबह सो कर उठे तो मौसम बदला नजर आया। बादल छाए और सात बजे के लगभग बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके बाद दिनभर रुक-रुक कर बारिश हुई। अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे रखा लगभग छह हजार क्विंटल कपास रूपी सफेद सोना भीग गया। हालांकि तिरपाल के जरिये इसे ढकने का प्रयास किया गया लेकिन इसके बावजूद भी बहुत सी कपास भीग गई। ऐसे में आढ़ती और किसान चिंतित नजर आए। भिवानी में पांच एमएम वर्षा दर्ज की गई।
बढ़ी रही धड़कनें, चिंतित नजर आए आढ़ती और किसान
मौसम के एकाएक करवट बदलने से आढ़ती और किसानों की धड़कने बढ़ गई। आढ़ती कह रहे थे कि वर्षा फसलों के लिए जरुरी है पर मंडी में खुले में रखी कपास भीग गई। इससे कपास खराब हो जाएगी और इसका नुकसान बहुत ज्यादा होगा।
इस बार कपास वैसे भी कम, मौसम की भेंट चढ़ी तो नुकसान
आढ़ती सतीश कुमार और किसान सतबीर सिंह ने बताया कि कपास इस बार पिछले साल की अपेक्षा कम है। पहले भी मौसम की मार की भेंट कपास चढ़ चुकी है। अब खेतों में यहां मंडी में पहुंची है या थोड़ी बहुत खेतों में खड़ी है इस वर्षा में खराब हो जाएगी। किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
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6000 से 6800 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही कपास
भिवानी अनाज मंडी में प्रतिदिन 1500 से 2000 क्विंटल कपास आ रही है। आढ़तियों की माने तो मंडी में प्रतिदिन 1500 से 2000 क्विंटल कपास आ रही है। वर्षा के चलते मंडी में पहुंची किसानों और आढ़तियों को कपास भीगने से लाखों रुपये का नुकसान हो गया।
किसान और श्रमिक नेता कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि किसानों की सरकार भी नहीं सुन रही है। अब मंडी में कपास आई है तो वर्षा में भीग गई है। इसका भी नुकसान है। इसके अलावा अन्य लंबित मांगों को के लिए किसान संघर्षरत हैं वह चाहे गांव नीमडीवाली में टावर लगाने को लेकर हो चाहे अन्य लंबित मांगों को लेकर हो। किसान के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार और प्रशासन ध्यान दे।
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