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धन्ना जाट ने बसाया था गांव धनाना

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : गांव धनाना के ग्रामीणों की जांबाजी व चौधर के चर्चे हमेशा ही ब

By JagranEdited By: Updated: Wed, 02 Jan 2019 01:18 AM (IST)
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धन्ना जाट ने बसाया था गांव धनाना

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : गांव धनाना के ग्रामीणों की जांबाजी व चौधर के चर्चे हमेशा ही बने रहे हैं। क्योंकि इस गांव के ग्रामीणों ने कभी भी अंग्रेजों व किसी राजा को लगान नहीं दिया। यहां के ग्रामीण किसी सल्तनत के आगे नहीं झुके और हमेशा ही उन्होंने बहादुरी व जज्बे का परिचय दिया है। यहां के ग्रामीण खुद ही अपनी सत्ता में विश्वास रखते थे। ग्रामीण मा. बलवान, प्रीत घणघस, महेंद्र ¨सह, धर्मबीर फौजी, लीलू घणघस, धर्मेद्र, छोटूराम घणघस, वजीर घणघस, सुरेंद्र ¨सह ने बताया कि लगभग एक हजार साल पहले गांव धनाना बसा था। यह गांव कई बार बसा व कई बार उजड़ा है। मगर 1496 के बाद गांव धनाना स्थाई रूप से आबाद हुआ। रतेरा से आकर बसे घनघस गौत्र के लोगों ने इस गांव को 1496 में यू आबाद किया कि वह फिर कभी नहीं उजड़ा। गांव धनाना में तीन ग्राम पंचायतें है। जबकि 1987 से पहले गांव धनाना में मात्र एक पंचायत होती थी।

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करीब 20 हजार की आबादी है गांव धनाना में

गांव धनाना की आबादी लगभग 20 हजार के आस-पास है, जिनमें महिलाओं का अनुपात प्रति हजार पुरूषों पर 950 है। इस गावं में करीब 10 हजार मतदाता है, इसके चलते बवानीखेड़ा हल्के के विधायक चुनने में इस गांव की खासी भूमिका रहती है। हालांकि लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो गांव धनाना हिसार लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है।

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क्या-क्या सरकारी सुविधाएं है गांव धनाना में

गांव में सरकारी सुविधाओं की बात करें तो गांव में एक सीएचसी, एक पशु अस्पताल, 12वीं कक्षा तक के लड़कियों व लड़कों के दो अलग-अलग स्कूल, प्राथमिक शिक्षा के तीन स्कूल, एक खेल स्टेडियम, दो जलघर, अनाज मण्डी, तीन गौशाला, तीन बू¨स्टग स्टेशन व पांच आंगनवाडी केन्द्र हैं। जो गांव के प्रशासनिक ढ़ांचे को थामे हुए है।

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गांव की कहानी, ग्रामीणों की जुबानी

ग्रामीणों के मुताबिक गांव के बुजुर्ग धन्ना जाट के नाम पर गांव धनाना का नाम पड़ा, जिनके तीन लड़के थे। उनके तीनों बेटों के नाम पर गांव के तीन पाने काल्याण, मलवाण, त्याड़ा का निर्माण हुआ। गांव में दो ऐतिहासिक भवनों का निर्माण किया गया है। जिसमें एक पुराना बंगला व एक नया बंगला है। गांव के बुजुर्ग सूबेदार राजमल धनाना आज भी जाटु खाप के प्रधान है। जो पंचायती फैसलों के लिए जाने जाते है।

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स्वच्छता को लेकर गांव की सरपंच हो चुकी प्रधानमंत्री से सम्मानित

गांव प्रथम की सरपंच सुनीता देवी ने प्रधानमंत्री के जनवरी 2016 से शुरू हुए स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर गांव में स्वच्छता अभियान चलाया, जिसकी प्रशंसा देश भर में हुई तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गुजरात में सम्मानित भी किया। बॉक्स

गांव के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दे चुके है गांव को पहचान

ग्रामीणों के अनुसार गांव धनाना को खेल के क्षेत्र में भी खासी पहचान है। 80 के दशक में गांव के भीम ¨सह को दिल्ली में हुए एशियाड में गोल्ड मैडल मिला था। वे पहले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने बतौर हरियाणा निवासी के एशियाड में एथलेटिक्स में गोल्ड मैडल प्राप्त किया था। इसके अलावा गांव के पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी ज्ञानेन्द्र को भी भीम अवॉर्ड मिल चुका है। गांव की अंतर्राष्ट्रीय योगा खिलाड़ी ¨पकी घणघस व भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान रह चुके राममेहर घणघस भी खूब नाम कमा चुके है। गांव में खेल की अलख जगाने वाले कुलदीप घणघस (सीपा) ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर हैंडबॉल के खिलाड़ी तैयार करने का काम किया। उनके द्वारा विभिन्न खेलों में प्रशिक्षित 50 से अधिक खिलाड़ी खेल के आधार पर फौज व पुलिस में भर्ती होकर देश व प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। वही गांव की दो बेटियां नीतू घणघस व साक्षी घणघस भी मुक्केबाजी में गांव का नाम विश्व पटल पर चमका चुकी है।

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गांव के ये अधिकारी उच्च पदों पर पहुंचकर गांव का बढ़ा चुके है मान

गांव में उच्च अधिकारियों की बात करें तो चाप ¨सह ईटीओ वर्तमान में गुरुग्राम में कार्यरत है। गांव की कुसुम चौधरी राजस्थान में डीसी के पद पर कार्यरत है। उनके अलावा रिटायर्ड आईजी राजपाल घणघस, रिटायर्ड एसपी सज्जन कुमार, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट देवेन्द्र घणघस, अग्रेंजों के समय के डिप्टी सुपरीटेंडेंट केदार ¨सह व दिल्ली कोर्ट में कार्यरत एडीशन सेशन जज सुनील घणघस गांव के वे अधिकारी है, जिन्होंने उच्च पदों पर पहुंचकर गांव का नाम रोशन किया है।