Bhiwani News: लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी हर्बल पार्क की हालत खस्ताहाल, लोगों की समस्याओं को किया जा रहा अनसुना
भिवानी के तोशाम स्थित हर्बल पार्क में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उसकी दुर्दशा दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। इस पार्क के लिए वन मंत्री कंवरपाल को भी पत्र लिखा गया है। इसके साथ ही पार्क के खस्ताहाल को देखते हुए लोग अपने साथ टॉर्च और सावधानी रख रहे हैं। वहीं लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।
By Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 04:54 PM (IST)
प्रवीण सांगवान, तोशाम (भिवानी)। तोशाम स्थित हर्बल पार्क में हर साल लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यह दुर्दशा का शिकार हो रहा है। पार्क केवल नाम का ही हर्बल पार्क रह गया है। तोशाम के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन मंत्री हरियाणा सरकार से की है। समाजसेवी खजांची लाल मित्तल, दुहन खाप के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल दुहन, कमल जैन, जगदीश बरवालिया, दीपचंद भारद्वाज, गणेश मित्तल, सुशील पहिवाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि तोशाम हर्बल पार्क कर दयनीय दशा को ठीक करवाने की मांग को लेकर वन मंत्री कंवरपाल को पत्र लिखा है।
उन्होंने बताया कि लगभग 12 एकड़ में बना चौधरी सुरेन्द्र सिंह पार्क की स्थिति बहुत ही दयनीय है। 30 से 35 हजार की आबादी वाले तोशाम कस्बे के लोग सुबह शाम घूमने के लिए तरसते है क्योंकि 2009 में बना हर्बल पार्क जो कभी तोशाम का मुख्य पार्क हुआ करता था। आज इस पार्क में हर्बल का कोई भी पौधा नहीं है और ना ही पार्क में पानी, लाईट की व्यवस्था नहीं है। चारों और झाड़ ही झाड़ खड़े है। दीवारों पर लगी ग्रिल भी कई जगहों से टूटी हुई है।
उन्होंने बताया कि पार्क में कुछ पौधे बचे हुए है वो भी मरने के कगार पर है। कुछ लोग सुबह शाम घूमने के लिए आने वाले मोबाइल की लाईट में घूमने के लिए मजबूर हो रहे है। तोशाम हर्बल पार्क के रखरखाव में भी हर साल लाखों रुपए का बजट खर्च किया जाता है लेकिन ये बजट कहां खर्च किया जाता । ये पता नहीं, हर्बल पार्क में वर्ष 2020-2021 में चार लाख 60 हजार रुपये, वर्ष 2021-22 में 523854 रुपये व 2022-23 में 489277 रुपये खर्च किए हैं।
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क्या कहते हैं ग्रामीण?
प्रदेश के वन मंत्री कंवर पाल से पार्क में हर्बल के पौधे लगाने की मांग की है। पार्क की दयनीय स्थित सुधारने के लिए बजट की मांग की है। उन्होंने कहा कि पार्क लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की है।
अगर पार्क की व्यवस्था को सुधारा नहीं गया तो पार्क का जल्दी ही अस्तित्व खत्म हो जाएगा। पार्क के पौधे सूख चुके हैं। पार्क की चारदीवारी पर लगी लाइटों सहित विभिन्न सुविधाएं इतिहास बन चुकी हैं। लाखों रुपये हर साल खर्च होते है लेकिन पैसा कहां लगाया जाता है इसका कोई नहीं पता।
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