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सरकारी अस्पताल में सीबी नॉट मशीन से होगी मरीजों की जांच

राकेश प्रधान, चरखी दादरी : जिले के सरकारी अस्पताल में अब टीबी रोगियों को बीमारी के म

By JagranEdited By: Updated: Wed, 07 Feb 2018 03:01 AM (IST)
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सरकारी अस्पताल में सीबी नॉट मशीन से होगी मरीजों की जांच

राकेश प्रधान, चरखी दादरी :

जिले के सरकारी अस्पताल में अब टीबी रोगियों को बीमारी के मुताबिक वही दवा मिलेगी, जो उनके शरीर में मौजूद टीबी को खत्म कर सकेगी। यह संभव होगा सीबी नॉट मशीन से। न केवल टीबी, बल्कि अन्य रोगियों को भी इससे मदद मिल सकेगी। टीबी रोगियों का सीबी नॉट मशीन की सहायता से एमडीआर टेस्ट किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब 16 लाख रुपये की लागत से सिविल अस्पताल में यह मशीन उपलब्ध करवाई गई है। दादरी के सिविल अस्पताल में लगी आधुनिक तकनीक सीबी-नॉट मशीन, कार्टिरेज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्फिलकेशन टेस्ट, मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस एमडीआर से सीधा मुकाबला कर रही है। जांच के बाद महज तीन से चार घटे में मरीज को रिपोर्ट थमा दी जाती है। इतना ही नहीं, कौन सी दवा सटीक होगी, इसकी जानकारी भी यह सीबी नॉट मशीन देती है। दादरी के सरकारी अस्पताल में पहले माइक्रोस्कोप के जरिए टीबी की जांच की जाती थी। एमडीआर टेस्ट के लिए मरीजों को भिवानी या रोहतक पीजीआई में रेफर करने से उन्हें आर्थिक व शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था।

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बैक्टीरिया से होती है टीबी

टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे में फैलती है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे सामान्य फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। टीबी का बैक्टीरिया हवा के जरिए फैलता है। खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदों से यह इन्फेक्शन फैलता है। अगर टीबी मरीज के बहुत पास बैठकर बात की जाए और वह खांस नहीं रहा हो तब भी इसके इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।

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मिल सकेगी स्पेस्फिक दवा

टीबी के रोगी के शरीर पर दवा काम नहीं कर रही तो सीबी नेट मशीन की सहायता से उसका एमडीआर टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर मशीन से पता चल जाएगा कौन सी दवा मरीज के लिए बेहतर होगी। ऐसे में पीड़ित विशेष को स्पेस्फिक दवा दी जा सकेगी। जिससे वह टीबी से जल्द टीक हो सकेगा।

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मरीज बोले, विभाग का अच्छा प्रयास

अस्पताल में आए मरीज हरीश, कमलेश, रघुवीर का कहना था कि विभाग का लैब बनाना व नई मशीनें स्थापित करना उचित कदम है। मरीज को अच्छी गुणवत्ता जांच रिपोर्ट के हिसाब से दवा मिलेगी तो मरीज जल्द से जल्द ठीक होगा।

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एक वर्ष में 261 पॉजीटिव केस

टीबी की जांच के लिए रोजाना अस्पताल में दर्जनों मरीज पहुंच रहे है। गत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह तक 2000 मरीजों की टीबी की जांच की गई थी। जिनमें से 261 मरीज पॉजीटिव पाए गए।

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तीन घंटे में मिलेगी रिपोर्ट

टीबी रोग के लिए टेस्ट देने के बाद अब रिपोर्ट के लिए मरीज को ज्यादा समय इंतजार नहीं करना पड़ेगा। टीबी सेंटर में तीन घंटे के अंतराल में टीबी बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगा लिया जाएगा।

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चिकित्सक भी जान रहे तकनीक : एसएमओ

सिविल अस्पताल की एसएमओ डा. अनिता गुलिया ने बताया कि उक्त मशीन से टेस्ट आदि बारे में चिकित्सकों को भी पूरी जानकारी दी जाएगी। ताकि वे बेहतर तरीके से इसकी सहायता से इलाज कर सकें। एसएमओ डा. अनिता गुलिया ने अस्पताल में टीबी पीड़ितों के लिए अलग से लैब बनाई गई है। हाई टेक्नालाजी से बनी मशीन के लिए लैब मे दवा का पूरा स्टॉक है। अस्पताल में टीबी रोगियों के लिए एमडीआर टेस्ट की सुविधा शुरू कर दी गई है। अब उन्हें भिवानी या अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।

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