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किसानों ने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु

किसानों को बिना मुआवजा दिए तथा उसकी मर्जी बगैर जबरदस्ती उनके खेतो

By JagranEdited By: Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:28 PM (IST)
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किसानों ने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु

जागरण संवाददाता, भिवानी : किसानों को बिना मुआवजा दिए तथा उसकी मर्जी बगैर जबरदस्ती उनके खेतों में टावर लगाए जाने के बाद लगभग डेढ़ दर्जन गांवों के किसान गांव निमड़ीवाली में धरनारत हैं। शुक्रवार को निमड़ीवाली में जारी किसानों के धरने को 100 दिन पूरे हो गए। इस दौरान किसानों ने रोष स्वरूप राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर मांग की या उन्हें टावरों की एवज में मुआवजा दिलवाया जाए या फिर इच्छा मृत्यु दी जाए। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता तेज सिंह गिल, राजेन्द्र सिंह डोहकी, सतबीर जांगड़ा, कुलबीर बोहरा, जसवंत सिंहमार ने की।

धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि देश भर की जनता का पेट भरने वाला अन्नदाता भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण इच्छा मृत्यु मांगने पर मजबूर हो रहा है। गांव निमड़ीवाली व आस-पास के गांवों में बड़ी-बड़ी बिजली की लाइन निकाली जा रही है। इन गांवों की सीमा में लाइनों का जाल बिछ गया है, जिस कारण वे इस जमीन का किसी प्रकार से उपयोग नहीं कर सकते तथा उनकी आर्थिक स्थिति संकट में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि इन टावरों की एवज में मुआवजे की मांग को लेकर वे 100 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार, कंपनी व प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। इसलिए किसानों ने राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें टावरों की एवज में मुआवजा दिया जाए या फिर इच्छा मृत्यु दी जाए।

शुक्रवार को क्रमिक अनशन पर सुमेर शर्मा नंदगांव, राजबीर मलिक अजीतपुर, प्रमोद यादव प्रहलादगढ, अमीर सिंह ढाणा नरसाण, राम सिंह गुर्जर ढाणी जंगा रहे। इस अवसर पर पूर्व सरपंच रामरूप, पूर्व सरपंच जागेराम, पूर्व सरपंच दिलबाग, प्रधान वीरभान गिल, करतार गिल, विष्णु शर्मा, राजबीर दहिया, आदि मौजूद रहे।

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