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मलेरिया व टीबी की रोकथाम के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें

जागरण संवाददाता भिवानी एसडीएम तोशाम मनीष फौगाट की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए हा

By JagranEdited By: Updated: Tue, 05 Jul 2022 06:58 PM (IST)
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मलेरिया व टीबी की रोकथाम के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें

जागरण संवाददाता, भिवानी : एसडीएम तोशाम मनीष फौगाट की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए हॉल में टीबी एवं जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एसडीएम ने बरसात के मध्यनजर मलेरिया की रोकथाम के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग से हर महीने स्वास्थ्य प्रगति रिपोर्ट निर्धारित समयानुसार स्वास्थ्य विभाग को भेजे। समीक्षा बैठक में एसडीएम ने स्वास्थ्य विभाग के साथ आपसी सहयोग कर 2025 तक मलेरिया मुक्त भिवानी बनाने में सहयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से स्वास्थ्य से संबंधित नोडल अधिकारी मनोनित करे और मलेरिया रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि सभी विभाग प्रत्येक शुक्रवार को अपने-अपने कार्यालय में एवं रविवार को अपने-अपने घरों में ड्राई डे मनाए। इस दिन पानी के सभी स्त्रोतों को साफ करें ताकि इनमें मच्छर न पनपे। सिविल सर्जन डा. रघुवीर शांडिल्य ने भी मलेरिया की रोकथाम के लिए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जिले में मलेरिया व डेंगू की रोकथाम के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अभी तक मलेरिया के बहुत कम केस ही सामने आए। इसके अलावा गांवों के तालाबों में मलेरिया की रोकथाम के लिए दवाई का छिड़काव किया गया है। उन्होंने बताया कि गांवों के तालाबों में गंबूजिया मछली भी डाली गई हैं, जो मलेरिया फैलाने वाले मच्छर को समाप्त करती हैं। उन्होंने बताया कि शहर व गांवों में फोगिग के लिए पंचायती राज एवं नगर परिषद द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहर व गांवों में पानी लीकेज वाली जगहों को दुरुस्त किया जाए। उ जिला टीबी रोग प्रभारी डा. सुमन विश्वकर्मा ने बताया कि सिविल अस्पताल में टीबी मरीजों की आधुनिक मशीनों द्वारा जांच की जाती है। आमजनता टोल फ्री नंबर 1800116666 से संपर्क करके टीबी के बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते है। टीबी के सफल इलाज के लिए सही दवाईयां निश्चित मात्रा में, निश्चित समय और पूरी अवधि छह से आठ माह तक जरूर लेनी चाहिए। उन्होंने सभी विभागों से आह्वान किया है कि वे अपने आस-पास के परिवेश में आमजन को टीबी के प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि टीबी रोग के बारे में विशेष कर स्लम बस्तियों व उद्योगों में काम करने वाले लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रमों में एनजीओ को शामिल किया जा रहा है।

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