Haryana Election 2024: दादरी में जाट Vs गैर-जाट, क्या है यहां जातियों का गणित; कौन निभाता है बड़ी भूमिका?
Haryana Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में जाट-गैर जाट समीकरणों का गणित एक बार फिर अहम भूमिका निभाने वाला है। दादरी और बाढड़ा विधानसभा क्षेत्रों में जाट मतदाताओं की संख्या अधिक है लेकिन गैर जाट मतदाता भी हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। इस बार भी सभी प्रमुख दलों ने जाट समुदाय के साथ-साथ गोत्र समीकरणों के हिसाब से उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
सुरेश गर्ग, चरखी दादरी। Haryana Assembly Election 2024: क्षेत्र से जुड़े चुनावी मुद्दों के साथ-साथ अब स्थानीय जाति, गोत्र के समीकरणों को भी अपने-अपने पक्ष में करने के लिए सभी प्रमुख राष्ट्रीय, क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कुछ प्रभावशाली निर्दलीय प्रत्याशियों में भी रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
हालांकि, जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों दादरी व बाढड़ा में सभी प्रत्याशी, पार्टी पदाधिकारी अपने सार्वजनिक बयानों, भाषणों में आपसी सदभावना, भाईचारा बनाए रखने, स्वच्छ राजनीति की लंबी चौड़ी बातें कह रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है।
दादरी व बाढ़ड़ा दोनों हलके में जाट बाहुल्य
दोनों हलकों में आम मतदाताओं में जहां जाति, गोत्र से जुड़े समीकरण चर्चाओं का विषय बने हुए हैं वहीं उम्मीदवारों के समर्थक भी अपनी जय-पराजय को लेकर इन्हीं के हिसाब-किताब में जुटे दिखाई दे रहे हैं। दादरी व बाढड़ा दोनों हलके जाट बाहुल्य माने जाते हैं।बाढड़ा तो पूरी तरह से ही ग्रामीण परिवेश से जुड़ा हुआ है। यहां मोटे तौर पर केवल जाट मतदाताओं की संख्या 54 प्रतिशत के करीब बताई गई है। हालांकि, दादरी विधानसभा क्षेत्र में स्थिति कुछ अलग है। यहां दादरी शहर व पंवार खाप के बड़े बड़े गांव होने के कारण गैर जाटों की काफी तादाद है।
लेकिन इसके बावजूद दादरी हलके में 35 प्रतिशत के लगभग जाट मतदाता बताए गए हैं। दादरी हलके से सन 1977 में पिछले चुनाव तक चुनाव जीतने वाले सभी प्रत्याशी जाट समुदाय के रहे हैं। इससे पहले यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित क्षेत्र था।
सांगवान, श्योराण, फोगाट मतदाताओं का वर्चस्व
दादरी व बाढड़ा विधानसभा क्षेत्रों में जाट समुदाय के मतदाताओं में सांगवान, श्योराण व फोगाट खाप के मतदाताओं की खासी संख्या है।
सांगवान खाप चालीस के तहत आने वाले सभी छोटे बड़े गांव इन्हीं दोनों हलकों में शामिल हैं। दोनों हलकों में खाप फोगाट के भी सभी गांव पड़ते हैं।यह भी पढ़ें- मनु भाकर के गांव में बाढ़ जैसे हालात, खानपुर-चिड़िया माइनर टूटने से दो गांवों में बिगड़े हालात, पलायन करने पर ग्रामीण मजबूर
बाढड़ा हलके में श्योराण खाप पच्चीस होने के कारण यहां श्योराण गोत्र के मतदाताओं की भी बड़ी तादात है। इनके अलावा दोनों ही हलकों में गैर श्योराण, सांगवान, फोगाट गोत्र के मिश्रित जाट समुदाय के गोत्रों की संख्या भी हर चुनाव को प्रभावित करती रही है।यहीं वजह है कि पिछले चुनावों की तरह इस बार भी कांग्रेस, भाजपा व अन्य सभी क्षेत्रीय पार्टियों ने जाट समुदाय के साथ साथ गोत्र समीकरणों के हिसाब से उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
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