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Haryana Election 2024: जनता पार्टी के टिकट पर खेली चुनावी पारी, ऐसे मिला था रणसिंह मान को टिकट

Haryana Assembly Election 2024 पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान बताते हैं कि 1977 के हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान दिल्ली के हरियाणा भवन में टिकटों की गहमागहमी के बीच चौधरी देवीलाल के सलाहकार डॉ. डीआर चौधरी और हरियाणा (Haryana News) के प्रभारी राजनारायण के खास मित्र प्रो मेंहदीरत्ता से मुलाकात हुई। आखिरकार जनता पार्टी ने मुझे अपना उम्मीदवार बनाया।

By sonu jalgra Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 30 Aug 2024 09:27 PM (IST)
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पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान। (जागरण फाइल फोटो)
जेएनेन, भिवानी। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान बताते हैं कि बात उन दिनों की है जब 1977 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के वक्त दिल्ली के हरियाणा भवन में टिकटों की गहमागहमी थी। उस समय टिकट वितरण से तीन चार दिन पहले तत्कालीन हरियाणा अध्यापक संघ के प्रधान मास्टर सोहनलाल के बेटे ओमप्रकाश ने मुझे टिकटों का मेला दिखाने को कहा।

हम दोनों दिल्ली पहुंच गये वहां चौधरी देवीलाल के सलाहकार डा. डीआर चौधरी मिले। जिन्होंने मेरे से हल्के की जानकारी लेने के बाद मुझे टिकट के लिए आवेदन करने को कहा। चूंकि ये मेरे लिए अप्रत्याशित था इसलिए मैंने इसके लिए तुरंत हामी नहीं भरी।

अगले दिन मुझे हरियाणा के प्रभारी राजनारायण के खास मित्र प्रो मेंहदीरत्ता मिले जिन्होंने मुझे उल्हाने के स्वर में कहा कि कल आपको डॉ. डीआर चौधरी ने जो कहा था वो मान लेना चाहिए था। ऐसे में मेरे आगे और कोई चारा नहीं बचा क्योंकि ये दोनों दिल्ली में चले अध्यापकों के आंदोलन में महत्वपूर्ण साथी थे।

इस तरह मैंने टिकट आवेदन के अंतिम दिन फार्म जमा करवाया। उस दौर में हरियाणा के टिकट आबंटन का जिम्मा उस वक्त के केंद्रीय गृह मंत्री चौधरी चरणसिंह के पास था और इसके लिए उनके सहयोगी राजनारायण को प्रभारी बनाया गया था।

आखिर में मंथन के बाद दो लोगों का पैनल बना जिसमें मैं और चौधरी अत्तर सिंह थे। आपसी रस्साकसी के बाद जनता पार्टी ने मुझे अपना उम्मीदवार बनाया जिसमें बड़ा कारण मेरा लगातार सरकार से लोहा लेना रहा।

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