Nitu Ganghas: हरियाणा की छोरी ने रचा इतिहास, नीतू घनघस ने गोल्डन पंच लगाकर जीता गोल्ड
Nitu Ganghas नीतू घनघस मंगोलियाई मुक्केबाज से फाइनल में पहली बार भिड़ी। उसने उसके पहले के खेल के विडियो देखे। ऊर्जा के साथ वह रिंग में उतरी एकतरफा मुकाबले में 5-0 से स्वर्ण जीतने में सफल रही। उनके गांव में खुशी की लहर है।
भिवानी, जागरण संवाददाता। मिनी क्यूबा भिवानी की मुक्केबाज नीतू घनघस ने 48 किलो भार वर्ग में दिल्ली में चल रही विश्व महिला मुक्केबाजी में गोल्डन पंच लगा कर हरियाणा और देश वासियों का सीना चौड़ा कर दिया। इस मुक्केबाज के राइट पंच शानदार रहे। वह बहुत ही अग्रेसिव और काउंटर दोनों खूब संभल कर खेली।
मंगोलियाई मुक्केबाज के सेमीफाइनल मुकाबले की वीडियो देखने के बाद नई रणनीति के साथ वह रिंग में उतरी ओर स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही।
फाइनल में पहली बार मंगोलिया से भिड़ी नीतू
नीतू घनघस मंगोलियाई मुक्केबाज से फाइनल में पहली बार भिड़ी। उसने उसके पहले के खेल के विडियो देखे। इसके अलावा अब तक के जीते मुकाबलों से वह भरपूर ऊर्जा के साथ रिंग में उतरी एकतरफा मुकाबले में 5-0 से स्वर्ण जीतने में सफल रही। इस भार वह मैरीकॉम के भार वर्ग में खेलने उतरी और खुद को साबित करने में कामयाब रही।
नीतू के नाम इससे पहले ये हैं मुख्य उपलब्धियां
मिनी क्यूबा भिवानी के गांव धनाना निवासी मुक्केबाज नीतू घनघस के नाम इससे पहले मुख्य रूप से ये उपलब्धियां हैं
- वर्ष 2017 और 2018 की युवा की दो बार की विश्व चैंपियन
- वर्ष 2022 बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट है।
कोच ने की तारीफ
द्रोणाचार्य अवार्डी नीतू के कोच जगदीश सिंह ने कहा कि गोल्डन गर्ल नीतू की जीत खेल प्रेमियों की जीत है। उसने मंगोलियाई मुक्केबाज को पूरी तरह से समझा और विशेष रणनीति के साथ रिंग में उतरी ओर गोल्डन पंच लगाने में कामयाब रही। नीतू ने साक्षी की हार का भी बदला ले लिया।
बेटी पर सबको गर्व
इस जीत से गांव में जश्न है। एकतरफा जीत बेटियों के लिए प्रेरणा है। पिता जयभगवान और ताऊ रणबीर प्रधान ने बेटी पर जमकर प्यार लुटाया। वहीं नीतू के भाई सीटू घनघस ने कहा कि मेरी बहन ने कमाल कर दिया और खेल प्रेमियों को उन पर गर्व है। वह ओलंपिक में भी गोल्डन पंच लगाएगी हमें पूरा भरोसा।