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Haryana News: तीन महीने की नौकरी के बाद उड़ी नींद, छह महीने बाद फिर किताब उठा तैयारियों में जुटे अभ्यर्थी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को झटका देते सामाजिक व आर्थिक आधार पर गरीब युवाओं को सरकारी नौकरियों में पांच से 10 अंक देने के फैसले तथा अधिसूचना को असंवैधानिक करार देते हुए इस रद कर दिया है और कहा कि इस प्रकार का विशेष प्रविधान करना संविधान के अनुच्छेद 14 15 व 16 में दिए समानता के अधिकार के खिलाफ है।

By Shiv Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 01 Jun 2024 07:21 PM (IST)
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Haryana News: तीन महीने की नौकरी के बाद उड़ी नींद, छह महीने बाद फिर किताब उठा तैयारियों में जुटे अभ्यर्थी

शिव कुमार, भिवानी। तीन महीने पहले जहां नौकरी लगने की खुशी में मिठाइयां बांटी जा रही थीं, बधाईयां दी जा रही थी, वहां अब चिंता की लकीरें हैं। हम बात कर रहे हैं तीन महीने पहले प्रदेश में सी और डी ग्रुप में नौकरी लगे 12 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की।

कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी कर रहे इन अभ्यर्थियों की नींद उड़ी है। अनेक अभ्यर्थियों ने बताया कि शुक्रवार रात उन्होंने जाग कर बिताई। वहीं छह महीने बाद शनिवार सुबह किताबें उठा ली हैं। अधिकतर का कहना है कि उन्हें तो इन ढाई और पांच अंक का कोई लाभ नहीं लिया है

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दिया आदेश

उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को झटका देते सामाजिक व आर्थिक आधार पर गरीब युवाओं को सरकारी नौकरियों में पांच से 10 अंक देने के फैसले तथा अधिसूचना को असंवैधानिक करार देते हुए इस रद कर दिया है और कहा कि इस प्रकार का विशेष प्रविधान करना संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 में दिए समानता के अधिकार के खिलाफ है।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के वर्ग एक व दो, 56 व 57 के लिए दोबारा परीक्षा होगी। तृतीय श्रेणी के 20 ग्रुप, जिनमें नियुक्तियां दी जा चुकी है, उनकी भी परीक्षा दोबारा होगी।

अब नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी बनी चुनौती

तृतीय श्रेणी के नियुक्तियां पा चुके युवाओं की परीक्षा दिसंबर माह में हुई थी और भर्ती फरवरी माह में। नौकरी लगे अभ्यर्थी दो माह की तनाख्वाह ले चुके हैं और तीसरी यानी मई माह की आने वाली है।

फैसले के अनुसार जो नियुक्तियां हो चुकी हैं, उन्हें हटाया नहीं जाएगा बल्कि वे नाैकरी भी करते रहेंगे और छह माह के अंदर उनकी परीक्षा ली जाएगी। कोर्ट के इस फैसले से तीन माह पूर्व नौकरी पाने वाले 12 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की न केवल नींद उड़ी है बल्कि माथे पर चिंता की लकीरें हैं।

बिजली निगम में भर्ती होने वाले अंकित, ललित ने बताया कि उन्होंने पांच अंक का कोई लाभ नहीं लिया। मगर कोर्ट के फैसले ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है। वे शुक्रवार की रात सो नहीं पाए। वहीं अब बुक उठाकर तैयारी भी शुरू कर दी है। अब नौकरी के साथ ही तैयारी करनी होगी।

सी व डी ग्रुप में भर्ती हुए अधिकतर युवाओं का नौकरी लगने के बाद रिश्ता हो गया है तो काफी के घर रिश्ते के लिए लोग आ रहे है।

जिन युवाओं के रिश्ते हो चुके है, उनके घर शादी की तैयारियां चल रही है। अधिकतर परिवार देवउठनी एकादशी से शादी के मुहुर्त शुरू होने का इंतजार कर रहे है और स्वजन सामान की खरीदारी कर रहे है। मगर इस बीच हाईकोर्ट के फैसले ने स्वजनों की भी नींद उड़ा दी है। वे असमंजस में है कि क्या होगा। अब शादी की तैयारी करें तो परीक्षा होने के बाद नौकरी का इंतजार।

इसकी गारंटी नहीं, पहले वाली भी गई

सी ग्रुप में भर्ती होने वाले अनेक युवा ऐसे भी है, जो पहले डी ग्रुप में लगे थे। मगर अब मौका मिला ताे पहले वाली नौकरी से इस्तीफा देकर यह ज्वाइन कर ली। तीन महीने से सब कुछ ठीक चल रहा था और अचानक हाईकोर्ट के इस फैसले ने जोर का झटका धीरे से दिया। अब न पहले वाली नौकरी रही और इस पर भी संकट के बादल छाए है।